गुजरात में जुलाई और अगस्त की शुरुआत में भारी बारिश हुई थी। हालाँकि, पिछले दो हफ्तों से बारिश गतिविधि कम हुई है और बहुत ही कम और बिखरी बारिश देखी गई। जुलाई के अंत तक सौराष्ट्र और कच्छ में 51% बारिश की अधिकता थी और आज तक घटकर केवल 19% रह गई है। यहां तक कि मुख्य भूमि गुजरात में जहां सामान्य से थोड़ी अधिक बारिश दर्ज की गई थी, वहां अब लगभग 9% बारिश सामान्य से कम हो गई है। इ सप्ताहांत से लेकर अगले सप्ताह के मध्य तक गुजरात में भारी बारिश का पूर्वानुमान है। हालाँकि, इस अच्छी खबर के साथ इलाकों में बाढ़ का खतरा भी जुड़ा हुआ है। जिसके परिणामस्वरूप दक्षिण तटीय और मध्य गुजरात में स्थानीय बाढ़ आएगी। सौराष्ट्र के कई हिस्सों में भी लगातार और भारी बारिश का खतरा रहेगा।
निम्न दबाव क्षेत्र से गंभीर मौसम: उत्तरी बांग्लादेश और इससे सटे पश्चिम बंगाल पर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। यह सिस्टम अगले 48 घंटों में पूरे पश्चिम बंगाल में होते हुए पश्चिम की ओर बढ़ेगा। निम्न दबाव का क्षेत्र 24 अगस्त को मध्य मध्य प्रदेश पर पहुंचेगा और उसी दिन राज्य की परिधि(किनारे) पर मौसमी गतिविधि शुरू हो जाएगी। 25 अगस्त से सिस्टम की तीव्रता और प्रसार बढ़ जाएगा। जिससे 27 अगस्त तक गुजरात के विभिन्न हिस्सों में गंभीर मौसम के कारण तबाही की स्थिति देखी जा सकती है।
अत्यधिक बारिश और प्रभावित क्षेत्र: 24 अगस्त को गुजरात में दूर के पूर्वी इलाकों और दक्षिणी तटीय गुजरात में एक-दो स्थानों पर मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है। 25 और 26 अगस्त को बारिश का प्रसार और तीव्रता अधिक बढ़ जाएगी। इन दो दिनों में जोखिम वाले स्थानों में बासनकांठा, साबरकांठा, पाटन, मेहसाणा, पालनपुर, दाहोद, पंचमहल, गोधरा, छोटा उदयपुर, महिसागर, बटोद, अमरेली, महुवा, भावनगर, भरूच, अहमदाबाद, गांधीनगर, बड़ौदा और आनंद शामिल होंगे। अगले दिन, तीव्र मौसम गतिविधि गुजरात के आंतरिक हिस्सों से हट जाएगी और मुख्य रूप से सौराष्ट्र व कच्छ को प्रभावित करेगी। सप्ताह के मध्य में 28 और 29 अगस्त को मौसम प्रणाली उत्तर-पूर्व अरब सागर तक चली जाएगी। केवल, सिस्टम का शेष प्रभाव सौराष्ट्र और कच्छ के अधिकांश पश्चिमी हिस्सों में देखा जाएगा और वह भी कम तीव्रता और गंभीरता के साथ।