दक्षिणी उत्तर प्रदेश और उत्तरी मध्य प्रदेश पर बना मानसून अवसाद अब कमजोर होकर निम्न दबाव क्षेत्र में तब्दील हो गया है। यह प्रणाली पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बढ़ेगी। फिर दक्षिण-पश्चिम यूपी और उत्तर-पश्चिम एमपी के आसपास के हिस्सों पर स्थित होगी। मौसम प्रणाली के आगे पश्चिम की ओर बढ़ने और उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और पूर्वोत्तर राजस्थान के त्रि-जंक्शन पर समाप्त होने की संभावना है।
यूपी/एमपी में जोरदार मानसून: पिछले 24 घंटों में मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में मानसून जोरदार रहा है। जिसमें रीवा (मध्य प्रदेश) और कानपुर (उत्तर प्रदेश) में 100 मिमी से अधिक वर्षा दर्ज हुई है। वहीं, वाराणसी, प्रयागराज, झांसी, सतना, ग्वालियर, नौगांव, सीधी में मध्यम से भारी बारिश हुई।
उत्तराखंड में गंभीर मौसम: अगले 24 घंटे तक निम्न दबाव क्षेत्र उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के आगे के हिस्सों में कमजोर प्रणाली के रूप में बना रहेगा। इसके साथ ही, उत्तरी पहाड़ों से होकर एक पश्चिमी ट्रफ रेखा भी गुजर रही है। यह मुख्य प्रणाली पश्चिम यूपी के मौसम को प्रभावित करेगी और संयुक्त प्रभाव उत्तराखंड तक फैलेगा। गौरतलब है, पहाड़ी इलाका होने के कारण यहां की स्थिति और जटिल हो जाती है। अगले 24 घंटों में उत्तराखंड की तलहटी वाले इलाकों में खराब मौसम की संभावना ज्यादा रहेगी, उसके बाद स्थिति में सुधार होगा।
यूपी में खराब मौसम का खतरा: पश्चिम उत्तर प्रदेश के अलावा, दिल्ली के निकटवर्ती इलाकों में भी खराब मौसम की स्थिति का खतरा रहेगा। अगले 24 घंटे मेरठ, मुज़फ्फरनगर, बिजनौर, अलीगढ़, हाथरस, मथुरा, आगरा, बुलंदशहर, नोएडा और बागपत के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण होंगे। इसके बाद के अगले 24 घंटों में बारिश की तीव्रता और प्रसार काफी हद तक कम हो जाएगा। 20 सितंबर से पूरे पश्चिमी यूपी के मौसम में सुधार होने की उम्मीद है।