एक्टिव पूर्वोत्तर मानसून: अगले सप्ताह दक्षिण भारत में भारी बारिश की संभावना

November 8, 2024 5:14 PM | Skymet Weather Team

दक्षिण भारत में पूर्वोत्तर मानसून की गतिविधि में बढ़ोतरी की संभावना है। मानसून की बारिश से प्रभावित सभी पाँच उपविभागों में ताजा बारिश का दौर देखने को मिलेगा। यह बारिश अगले सप्ताह की शुरुआत से शुरू होकर सप्ताह के अंत तक जारी रह सकती है।खासतौर से 13 से 17 नवंबर के बीच बारिश का दौर सक्रिय रहेगा। इस दौरान तमिलनाडु और केरल में कुछ स्थानों पर भारी बारिश भी हो सकती है।

दक्षिण भारत में संतोषजनक दक्षिण-पश्चिम मानसून: दक्षिण भारत में दक्षिण-पश्चिम मानसून की समाप्ति संतोषजनक रही। अक्टूबर के आधे महीने तक अच्छी बारिश हुई थी। इस क्षेत्र में अक्टूबर के मध्य तक 30% से अधिक बारिश दर्ज हुई थी। पूर्वोत्तर मानसून की शुरुआत 15 अक्टूबर को हुई थी, लेकिन अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में यह कमजोर हो गया। नवंबर के शुरुआती दिनों में भी केवल हल्की और बिखरी हुई बारिश हुई। अक्टूबर के मध्य तक 30% अधिशेष धीरे-धीरे घटकर अब लगभग "ब्रेक ईवन" बिंदु पर पहुँच गया है, जिसमें केवल 2% का मामूली अधिशेष बचा है। हालांकि, अगले बारिश के दौर से यह आंकड़ा अगले 10 दिनों में बढ़ने की उम्मीद है।

दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती परिसंचरण: दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। इसके माध्यम से एक उत्तर-दक्षिण ट्रफ, मन्नार की खाड़ी से पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी तक फैला हुआ है। यह परिसंचरण धीरे-धीरे पश्चिम की ओर बढ़कर 12 नवंबर तक श्रीलंका, मन्नार की खाड़ी और तमिलनाडु के तटीय क्षेत्रों तक पहुँच सकता है। इस दौरान यह निम्न दबाव का क्षेत्र भी बन सकता है। इससे दक्षिण भारत के अधिकांश उपविभागों में अगले सप्ताह बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है।

तमिलनाडु और केरल में बारिश: आज तमिलनाडु और केरल में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। अगले तीन दिनों तक यानी 12 नवंबर तक, मौसम की गतिविधि प्रमुख रूप से समुद्री क्षेत्र में रहेगी और भूमि पर कम होगी। हालांकि, 13 नवंबर से मानसून की गतिविधि फिर से शुरू होगी और 14 और 15 नवंबर को तमिलनाडु और केरल के आंतरिक हिस्सों में भारी बारिश होने की संभावना है। इस दौरान मानसून का असर तटीय कर्नाटक, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, रायलसीमा और तटीय आंध्र प्रदेश तक भी बढ़ सकता है। यह मौसम प्रणाली दक्षिणी हिस्सों को छोड़कर नवंबर के तीसरे सप्ताह की शुरुआत में अरब सागर की ओर बढ़ जाएगी और तट से सुरक्षित दूरी बनाए रखेगी। इस अवधि में मौसम में सुधार की संभावना है।

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