उत्तर भारत के मैदानी इलाकों ने प्री-मॉनसून सीज़न के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में अत्यधिक गर्मी की पहले की भविष्यवाणी को झुठला दिया है। प्री-मानसून सीजन के दौरान अब तक 40 डिग्री सेल्सियस या इससे अधिक तापमान बहुत ही कम मौके पर हुआ है। इसके विपरीत पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली के ज्यादातर हिस्सों में अप्रैल के दौरान असामान्य रूप से हल्की ठंड बनी रही। वहीं, मई महीने की शुरुआत ठंड के साथ हुई है। दिन और रात का तापमान सामान्य से काफी नीचे चला गया है। बता दें, इन भागों में अप्रैल के महीने में कोई गर्मी की लहर दर्ज नहीं की गई थी।
पंजाब के इलाकों में अधिकतम तापमान: अप्रैल में उत्तरी मैदान के विभिन्न हिस्सों में विपरीत मौसम की स्थिति बनी हुई है। दक्षिणी प्रायद्वीप( दक्षिण भारत) के अंदरूनी हिस्सों और पूर्वी भागों में प्रचंड गर्मी देखी गई है। उत्तरी मैदानी इलाकों में असामान्य, हल्की और आरामदायक स्थितियाँ बनी हैं। प्रमुख स्थानों पर पारे के स्तर में भारी गिरावट देखी गई। अधिकतम तापमान अमृतसर- 29.8°C (-9), लुधियाना-30.1°C (-8), फिरोजपुर-30.3°C (-9), जालंधर-29.7°C (-9), चंडीगढ़-30.9°C(-7) दर्ज किया गया।
हरियाणा में भी अधिकतम तापमान: पड़ोसी राज्य हरियाणा में भी तापमान के ऐसे ही रिकॉर्ड दोहराए गए है। कुछ स्थानों पर दिन का अधिकतम तापमान रिकॉर्ड किया गया। जैसे, अंबाला में 31°सेल्सियस (-7), करनाल में 32°सेल्सियस(-6), हिसार में 33.1°सेल्सियस(-8), रोहतक में 32.4°सेल्सियस(-7) और पठानकोट, पटियाला, कपूरथला, नारनौल जैसे अन्य शहरों का रिकॉर्ड भी इसी तरह का था। यहां तक कि पूरे क्षेत्र में न्यूनतम तापमान भी असामान्य रूप से कम रहा है। अमृतसर में न्यूनतम तापमान 13.6°C और फ़िरोज़पुर में 13.5°C दर्ज किया गया। जो देश के मैदानी इलाकों में सबसे कम है। वैसे इतना कम तापमान आमतौर पर फरवरी महीने में देखे जाते हैं। साल के इस समय में इतना कम तापमान असामान्य होता है।
इस कारण कम तापमान: पहाड़ों पर बारिश और बर्फबारी के लंबे और भारी दौर के कारण मौसम की ऐसी अजीब स्थिति पैदा हो गई है। बर्फ से ढकी चोटियों से, ढलानों से नीचे की ओर आने वाली ठंडी हवाओं ने सचमुच गर्मी की चुभन को कम कर दिया है। वैसे साल के इस समय में भीषण गर्मी और चुभन प्रमुखता से देखी जाती है। पश्चिमी विक्षोभ अब दूर चला गया है और पश्चिमी हिमालय साफ हो गया है। एक और प्रणाली बहुत जल्द आ रही है, जिसके पीछे अगले सप्ताह के अंत में एक और मौसम प्रणाली आने की संभावना है। हालांकि, मैदानी इलाकों में पारा बढ़ेगा। दिन और रात का तापमान कम रहेगा और पूरा क्षेत्र अगले एक सप्ताह तक अच्छे मौसम का आनंद लेता रहेगा।