बंगाल की खाड़ी के ऊपर निम्न दबाव का क्षेत्र बना, चक्रवात बनने के संकेत

May 22, 2024 7:46 PM | Skymet Weather Team

दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी (BOB) पर एक कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। इस क्षेत्र पर चक्रवाती परिसंचरण बनने के कारण सीजन की पहली प्री-मानसून प्रणाली सामने आई है। बंगाल की खाड़ी पर बना यह निम्न दबाब का क्षेत्र उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ सकता है। इसके बाद अधिक संगठित होकर अगले 36-48 घंटों में एक अवसाद (Depression) में बदलने की संभावना है।

बन सकता गहरा अवसाद: है बता दें, साल के इस समय बंगाली की खाड़ी के ऊपर इस प्रणाली की स्थिति बहुत ही असामान्य है। आमतौर पर मई के महीने में प्री-मॉनसून सिस्टम दक्षिण अंडमान सागर और बंगाल की खाड़ी के दक्षिणपूर्व हिस्से पर बनता है। हालाँकि, पर्यावरणीय स्थितियाँ(environmental conditions) निम्न दबाव क्षेत्र में तेजी लाने के पक्ष में हैं। यह संभावना है कि 24 मई को केंद्रीय बंगाल की खाड़ी के खुले हिस्से में यह प्रणाली अवसाद/गहरे अवसाद में बदल जाएगी। वहीं, निम्न दबाब के तीव्र होने में मौसमी स्थिति और जलवायु समर्थन करती है। जो 25 मई या उसके आसपास एक संभावित चक्रवात बन सकता है।

बन सकता है तूफान रेमल”: अगले 48 घंटों में इस मौसम प्रणाली के भारतीय तटरेखा से दूर चले जाने की संभावना है। तूफ़ान के रूप में यह भूभाग के निकट होगा और इसलिए इसे अपनी तीव्रता बढ़ाने का मौका नहीं मिलेगा। लेकिन, एक हल्का तूफान भी 60 से 90 किमी प्रति घंटे की तेज हवाओं से भरा होता है। इसीलिए भारी बारिश के साथ-साथ नुकसान की संभावनाएं खतरनाक हो जाती हैं। पूरी संभावना है कि तूफान म्यांमार-बांग्लादेश सीमा (कॉक्स बाजार के दक्षिण) की ओर बढ़ेगा। अगर यह चक्रवात बनता है, तो ओमान द्वारा सुझाए गए नाम 'रेमल' से जाना जाएगा।

पूर्वानुमान के लिए निगरानी: हालांकि, इस तूफान का भारतीय क्षेत्र पर असर कितना असर होगा, इसकी अभी टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी। इस मौसम प्रणाली को अगले 24 घंटों तक कड़ी निगरानी में रखा जाना चाहिए। अभी तूफान के इस पर  ओडिशा के समुद्र तट पर कोई खराब असर होने का अनुमान नहीं है। हालाँकि, गंगिय पश्चिम बंगाल का समुद्र तट और सुंदरबन क्षेत्र बांग्लादेश सीमा के करीब है। इन क्षेत्रों में तूफान के असर का सटीक पूर्वानुमान 24 घंटों के बाद ही बताया जा सकता है। समयसीमा और ट्रैक के अनुसार तूफानों के रिकॉर्ड को ध्यान में रखते हुए, किसी भी मौसमी घटना के लिए तैयार रहने औऱ बहुत ही छोटी सूचना पर कार्रवाई करने की सलाह दी जाती है।

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