[Hindi] चक्रवात 'डे' की बदौलत देश के 15 राज्यों में हो रही है झमाझम बारिश

September 25, 2018 12:03 PM | Skymet Weather Team

मानसून अपने आखिरी चरण में है लेकिन इसका असर अब भी बरक़रार है। बारिश के हालिया दौर को देखते हुए ये कहा जा सकता है की मानसून सीजन की इससे बेहतर विदाई होनी मुश्किल थी। मानसून, पिछले 15 दिनों के दौरान पुनर्जीवित हुआ और देश के 17 से अधिक राज्यों में इस वजह से बारिश देखने को मिली। ऐसा मुमकिन हुआ चक्रवात 'डे' की बदौलत। इस चक्रवात की अवधि भले ही ज्यादा दिनों की न रही हो लेकिन इसकी वजह से देश के अधिकांश इलाकों में बारिश हुई। अगर देश के सुदूर दक्षिणी हिस्सों को छोड़ दिया जाये, तो इसकी बदौलत लगभग हर जगह बारिश देखने को मिली।

यह सब एक चक्रवाती हवाओं के छेत्र के साथ शुरू हुआ, जो पश्चिम केंद्रीय बंगाल की खाड़ी पर निम्न दबाव का छेत्र था, लेकिन उत्तरी केंद्रीय बंगाल की खाड़ी पहुँचने तक यह उष्णकटिबंधीय तूफान में परिवर्तित हो गया। हालांकि उड़ीसा के तट को इसने चक्रवाती तूफान के रूप में पार किया, लेकिन जल्द ही यह कमजोर होकर डीप डिप्रेशन में बदल गया। इस वजह से उड़ीसा, तटीय आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और झारखंड में भारी बारिश हुई।

उसके बाद यह मौसमी प्रणाली मध्य भारत की तरफ आगे बढ़ी जिसके चलते छत्तीसगढ़, पूर्वी मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में बारिश देखने को मिली। इस प्रणाली के दायरे में तेलंगाना, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक और रायलसीमा के इलाके भी शामिल थे।

तीसरे चरण में, मौसमी प्रणाली एक गहरे निम्न दबाव के क्षेत्र के रूप में पश्चिम की तरफ आगे बढ़ी। इस वजह से गुजरात, पूर्वी राजस्थान और पश्चिम मध्यप्रदेश में भारी बारिश हुई। इस दौरान मौसमी प्रणाली को जम्मू-कश्मीर पर मौजूदा पश्चिमी विछोभ का साथ मिला। इनके संयुक्त प्रभाव से पूरे उत्तर पश्चिमी भारत में व्यापक तौर पर बारिश हुई और गरज के साथ बौछारें पड़ीं।

इस दौरान हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में भारी से बहुत भारी बारिश हुई, जबकि शेष मैदानी इलाकों हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश में सामान्य से भारी बारिश दर्ज की गई।

मौसम वैज्ञानिको के अनुसार, उत्तर पश्चिमी भारत पर मानसून की आखिरी बारिश काफी तीव्र रही। इस वजह से कई इलाकों को अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन का सामना करना पड़ा। ऐसा इसलिए, क्योंकि जब भी दो मौसम प्रणालियां आपस में मिलकर आगे बढ़ती हैं, तो वे एक-दूसरे को सहयोग करती हैं। इस वजह से देर तक और तीव्र वर्षा होती है।

अब निम्न दबाव का क्षेत्र, जो हरियाणा, दिल्ली और उससे सटे उत्तर प्रदेश में मौजूद है, उसका असर ख़त्म होने वाला है। हालांकि फिर भी इस मौसमी प्रणाली की वजह से हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, उत्तर-पश्चिम उत्तरप्रदेश, पंजाब और हरियाणा में मंगलवार तक बारिश जारी रहेगी।

उसके बाद सिर्फ इस क्षेत्र से ही नहीं, बल्कि देश के अधिकांश हिस्सों से बारिश विदा हो जाएगी।

OTHER LATEST STORIES