सीज़न की सबसे भारी बर्फबारी ने शुक्रवार और रविवार के बीच तीन दिनों के लंबे अंतराल के साथ उत्तर भारत की पहाड़ियों को सफेद रंग में रंग दिया। तलहटी और मैदानी इलाकों में मध्यम से भारी बारिश हुई। बिजली की चमक, गड़गड़ाह, तीव्र वर्षा और कई स्थानों पर अचानक भारी ओलावृष्टि खतरनाक हो गई, जिससे फसलों और बुनियादी ढांचे को नकुसान पहुंचा।
घाटी सबसे ज्यादा प्रभावित: कश्मीर घाटी के प्रवेश बिंदु रामबन, बनिहाल और काजी गुंड इस मौसम की सबसे भारी गतिविधि बारिश और बर्फवारी से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। बनिहाल और काजी गुंड में 90 मिमी और 81 मिमी वर्षा मापी गई, जो लगभग एक मीटर बर्फ के बराबर थी। उधमपुर और कटरा की निचली पहाड़ियों में क्रमशः 125 मिमी और 74 मिमी बारिश दर्ज की गई। जम्मू, सांबा और कठुआ में ओलावृष्टि और भारी बारिश हुई।
श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद: भीषण मौसम गतिविधि के कारण बड़े पैमाने पर भूस्खलन और भूस्खलन हुआ, जिसके कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद करना पड़ा। खराब मौसम की गतिविधियों के कारण जम्मू संभाग की अधिकांश मुख्य सड़कें भी बंद हो गईं या अवरुद्ध हो गईं।
पर्यटन स्थल बर्फ के ढेर से दबे: हिमाचल प्रदेश राज्य में भी ऐसी ही स्थितियाँ देखी गईं। पर्यटन स्थल मनाली में पिछले 2 दिनों में सीजन की सबसे भारी बर्फबारी हुई। धर्मशाला, डलहौजी, चंबा और कुल्लू में जबरदस्त बारिश और बर्फबारी हुई। मसूरी,नैनीताल,पिथौरागढ़ और टिहरी सहित उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में मौसम की मारक गतिविधि देखी गई। बद्रीनाथ और केदारनाथ जैसे धार्मिक स्थल बर्फ के ढेरों के नीचे दब गये।
मैदानी क्षेत्रों में तेज बारिश: पंजाब और हरियाणा के मैदानी इलाकों, विशेष रूप से उत्तरी हिस्सों और तलहटी पर तेज आंधी और बिजली से गंभीर हमला हुआ। कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि भी हुई। पठानकोट, अमृतसर, जालंधर, कपूरथला, भटिंडा, अंबाला, करनाल और हिसार में लगातार बारिश और तेज रफ्तार हवाएं चलीं।
24 घंटे में कम होगी गतिविधियां: पश्चिमी विक्षोभ के पूर्व की ओर बढ़ने और कमजोर होने की भी उम्मीद है। मैदानी इलाकों में प्रेरित परिसंचरण अगले 24 घंटों में भर जाएगा। मैदानी और पहाड़ी इलाकों दोनों में मौसम की गतिविधि काफी हद तक कम हो जाएगी। अगले 24 घंटों तक पहाड़ों पर हल्की से मध्यम बर्फबारी और मैदानी इलाकों में कुछ छिटपुट बारिश जारी रहेगी। कल से मैदानी इलाकों में छुट्टी रहेगी। लेकिन, पहाड़ी इलाकों में अगले 3-4 दिनों तक हल्की मौसमी गतिविधियां जारी रहेंगी। 08 मार्च 2024 से व्यापक मंजूरी की उम्मीद की जा सकती है।