पूरा दक्षिण प्रायद्वीप सर्दियों की ठंड से बच जाता है, जो देश के उत्तरी और मध्य भागों में अधिक प्रचलित है। हालाँकि, तमिलनाडु में 8,000 फीट या उससे अधिक ऊँची कुछ पर्वत श्रृंखलाएँ हैं, जो जनवरी के महीने में सर्दी का एहसास कराती हैं। नीलगिरी और पलानी पहाड़ बिना किसी बर्फबारी के कड़ाके की ठंड देने के लिए सुर्खियां बटोरते हैं। नीलगिरी का पारा शून्य स्तर तक गिरने के कारण खबरों में है, जिससे स्थानीय लोगों और आगंतुकों(पर्यटकों) दोनों के लिए परेशानी बढ़ गई है।
नीलगिरी के पहाड़ लगभग जम रहे हैं और पारा बहुत नीचे एकल अंक तक गिर गया है, जो इस क्षेत्र के लिए थोड़ा असामान्य है। उधगमंडलम डिवीजन में कंथल और थलाईकुंठा में तापमान 1 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया, जबकि बॉटनिकल गार्डन में पारा एक डिग्री अधिक 2 डिग्री सेल्सियस पर था। ऊटी की ऊंचाई लगभग 7,500 फीट है और अक्सर तापमान लगभग 5 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है। हालाँकि, कम एकल अंक तापमान की लंबी अवधि बहुत आम नहीं है। इस सर्दी में घने कोहरे और पाले की स्थिति के कारण जलवायु की स्थिति और भी खराब हो गई है।
पड़ोस में, कोडाइकनाल एक लोकप्रिय पहाड़ी रिसॉर्ट है। जोकि पलानी पर्वत श्रृंखला में ऊंचाई 7,800 फीट पर स्थित है। कोडाइकनाल, परप्पर और गुंडार घाटियों के बीच ऊपरी पलानी पहाड़ियों के दक्षिणी ढलान के ऊपर एक पठार पर स्थित है। हालाँकि, थोड़ा अधिक ऊंचाई पर होने के कारण तापमान कभी-कभी 4°C या उससे कम तक गिर जाता है। नीलगिरि और पलानी इन दो पर्वतमालाओं में दिसंबर के महीने में अच्छी बारिश हुई थी। यहां तक कि जनवरी की शुरुआत में भी कुछ मौकों पर छिटपुट बारिश देखी गई थी।
अब, उत्तर-पूर्वी मानसून इस क्षेत्र से वापस चला गया है। बारिश बहुत कम होगी और शुष्क ठंड रहने की संभावना है। जनवरी के चौथे सप्ताह के दौरान दोनों श्रेणियों में पारे का स्तर गिरने की संभावना है। अत्यधिक ठंड से चाय बागान और सब्जी की फसल प्रभावित हो सकती है। जिससे जनवरी के बचे दिनों में किसानों को परेशानी हो सकती है।