श्रीनगर, मनाली और डलहौजी में लंबे समय के इंतजार के बाद सर्दियों की पहली बर्फबारी दर्ज की गई है। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में तेज बारिश हुई और जिले के ऊंचे मैदानों पर बर्फबारी भी देखी गई। पर्यटक स्थल कुफरी और नारकंडा में नरम बर्फ की ताजा परत जमा हो गई है। बर्फ की सफेद चादर ने पूरी कश्मीर घाटी, मनाली, डलहौजी, कुल्लू घाटी, लाहौल-स्पीति और चंबा डिवीजन सहित हिमाचल प्रदेश की पर्वत श्रृंखलाओं के बड़े हिस्से को घेर लिया है। रोहतांग दर्रा और अटल टनल ताजा बर्फ के ढेर से भर गए हैं।
लास्ट टाइम इन जगहों पर पहली बर्फबारी 29 दिसंबर 2022 को देखी गई थी। हालांकि, इस मौसम में एक महीने से ज्यादा की देरी के बाद फसलों, बगीचों, किसानों, जल प्रबंधन, साहसिक और पर्यटकों सहित सभी के लिए खुशी की बात हुई है। बर्फ घाटी के ग्लेशियरों को बढोत्तरी करेगी और गर्मियों के महिनों के दौरान नदियों, झरनों, झीलों और अन्य जल निकायों को पानी देने वाले बारहमासी जलाशयों को फिर से भर देगी। बारिश का मौसम पूरे क्षेत्र में मिट्टी की नमी बढ़ाने और नमी के स्तर को बढ़ाने के साथ मौसमी फसलों को पोषण देने में मदद करता है। भारी बर्फबारी से सेब और अन्य फलों के लिए जरूरी 'चिलिंग आवर्स' की सुविधा मिलती है।
पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालय में एक क्रम में आगे बढ़ रहे हैं। जो समय सीमा में एक-दूसरे को लगभग ओवरलैप कर रहे हैं। मौजूदा मौसम प्रणाली अगले 24 घंटों में दूर हो जाएगी और इसका बचा हुआ प्रभाव कल यानी 2 फरवरी को देखा जाएगा। हालांकि, मौसम की गतिविधियां हल्की रहेंगी और ऊंचे इलाकों तक ही सीमित रहेंगी। वहीं, इसी तरह का एक और सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ 03 फरवरी को आ रहा है। 03 से 05 फरवरी के बीच (खासकर पहले दो दिनों में) सभी पर्वत श्रृंखलाओं की ऊंचाइयों पर बर्फबारी व बारिश का एक और दौर देखने को मिलेगा। 07 फरवरी से मौसम में बदलाब या बादल छटने की उम्मीद है।
फोटो क्रेडिट: कश्मीर ऑब्जर्वर