राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लंबे समय से शुष्क मौसम बना हुआ है। दिसंबर के बाद जनवरी उसी राह पर चल पड़ी है। लगातार 45 दिनों से अधिक समय तक सूखा रहना असामान्य है। आखिरी औसत दर्जे की बारिश नवंबर 2023 के अंत में दर्ज की गई थी। दिल्ली में जल्द शीतकालीन बारिश का कोई संकेत नहीं हैं। सर्दियों में छा रहे घने कोहरे के कारण यात्रा बाधित हो रही और ठंडी हवा आम आदमी को परेशान कर रही है। क्षितिज पर कहीं भी कोई कमी नहीं है।
जनवरी 2024 का महीना भी जनवरी 2023 जैसा ही लग रहा है। पिछले साल भी जनवरी महीने के पहले भाग में नाम मात्र की बारिश हुई थी। केवल एक दिन 29 जनवरी 2023 को काफी बारिश हुई, जिससे 'बीटिंग द रिट्रीट' समारोह प्रभावित हुआ। इससे पहले भी कई बार आधी जनवरी शुष्क रही है, ऐसा 2018 में भी हुआ था। साल 2018 में केवल एक दिन बारिश हुई थी और मासिक वर्षा केवल 4 मिमी थी। जनवरी 2004 में शून्य और 2006 तथा 2011 में 1 मिमी से भी कम वर्षा दर्ज की गई थी।
ऐसे अवसरों पर दिल्ली एनसीआर में तीव्र शुष्क ठंड अवश्य पड़ती है। 02 जनवरी 2008 को न्यूनतम तापमान 1.9 डिग्री सेल्सियस और 08 जनवरी 2006 को 0.2 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया था। पिछले साल 16 जनवरी 2023 को न्यूनतम तापमान 1.4 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया था। इस वर्ष 2024 में भीषण ठंड के बावजूद न्यूनतम तापमान अभी भी कम है 2°C के निशान को तोड़ने के लिए। इस मौसम में अब तक का सबसे कम तापमान 15 जनवरी 2024 को 3.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।
अगले 10 दिनों तक दिल्ली में बारिश की कोई संभावना नहीं है। इस अवधि के दौरान कोई भी सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पहाड़ों के पास भी नहीं आ रहा है। 26 जनवरी 2024 के आसपास जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में एक अच्छे पश्चिमी विक्षोभ के आने के संकेत हैं। इससे आसपास पहाड़ों में कुछ बर्फबारी हो सकती है। पश्चिमी विक्षोभ का मैदानी इलाकों पर प्रभाव पड़ने का कोई संकेत नहीं मिला है। गणतंत्र दिवस और उसके आसपास सटीक पूर्वानुमान के लिए लगभग 48 घंटे की अवलोकन अवधि की आवश्यकता होगी।