राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लगातार तीन दिन, 01, 02 और 03 मार्च को बारिश और बौछारें देखी गईं। बारिश ज्यादातर हल्की थी, लेकिन पूरे एनसीआर में फैली हुई थी। आधार वेधशाला सफदरगंज में कुल 4.2 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। कुछ वेधशालाओं ने बीते सप्ताह के अंत में अच्छी बारिश मापी, जो मार्च महीने के मासिक सामान्य 17.4 मिमी को पार कर गई। हालांकि, अब बारिश का दौर खत्म हो चुका है, कम से कम इस हफ्ते के लिए बारिश भी खत्म हो गई है।
दिल्ली में न्यूनतम तापमान गिरा: बहुत सक्रिय मौसम प्रणाली ने उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों पहाड़ों और मैदानों दोनों जगहों पर भारी बारिश की। हालांकि, अभी पहाड़ियों पर गतिविधि हल्की तीव्रता के साथ जारी है। लेकिन, मैदानी इलाकों में काफी हद तक मौसम पूरी तरह से ठीक हो गया है। मैदानी इलाकों में इस सिस्टम के चलते ज्यादातर हिस्सों में ठंडी हवा चल रही है। पहाड़ों पर बादलों की चादर ने बहुत ज्यादा ठंडी हवाओं को सीधे मैदानी इलाकों में प्रवेश करने से रोक दिया है। इसके बाद भी राजधानी दिल्ली के तापमान में गिरावट आई है। इससे पहले पिछले 5 दिनों से न्यूनतम तापमान दोहरे अंक में बना हुआ था। 02 मार्च को न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था, अब यह सामान्य से नीचे गिर गया है और दिल्ली/एनसीआर के कई स्थानों पर एकल अंक में पहुंच गया है।
तापमान में परिवर्तन की संभावना: लोधी रोड स्थित मौसम कार्यालय ने न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस, जाफरपुर और नरेला में 8.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया। 8.6°C पर रिज क्षेत्र इस क्षेत्र में दूसरा सबसे कम तापमान था। ये सभी तापमान सामान्य से 5 डिग्री सेल्सियस कम थे। बारिश और बादलों के बीच धूप की झलक के साथ दिन का तापमान लगभग 25-26 डिग्री सेल्सियस के सामान्य के करीब रहा। इस सप्ताह के दौरान पारे के स्तर में बदलाव की काफी संभावना है।
अगले सप्ताह मौसम में बदलाव: कल 5 मार्च की देर रात एक और पश्चिमी विक्षोभ आने की संभावना है। हालाँकि, इसका प्रभाव पहाड़ों तक ही सीमित रहेगा। मैदानी इलाकों में अगले 3-4 दिनों तक कुछ हवाएं चल सकती हैं। कल 5 मार्च और परसों 6 मार्च को भी कुछ बादल छाए रहेंगे, जिससे धूप थोड़ी कम हो जाएगी। वर्ना, इस अवधि के दौरान दिन और रात दोनों के तापमान में 3-4 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोत्तरी होने की प्रवृत्ति है। हालांकि, इस सप्ताह के दौरान बारिश की कोई संभावना नहीं है। लेकिन, अगले सप्ताह मौसम की स्थिति में एक बार फिर से बदलाव आ सकता है।