पिछले दो दिनों में उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में मौसम के मिजाज में नाटकीय बदलाव देखा गया है। जबकि क्षेत्र के कई हिस्सों में गरज के साथ धूल और ओलावृष्टि हुई, पश्चिमी हिमालय में बारिश और बर्फबारी देखी गई।
जम्मू-कश्मीर, गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में मध्यम बारिश और बर्फबारी हुई, जिससे सूखे के हाल से राहत मिली। मौसम की यह सकारात्मक प्रवृत्ति अगले 24-48 घंटों तक जारी रहने की उम्मीद है, जिससे पश्चिमी हिमालय पर बारिश और बर्फबारी की गतिविधि बढ़ने की संभावना है।
अगले 24 घंटों के दौरान राजस्थान, हरियाणा के कुछ हिस्सों, दिल्ली, पश्चिम उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। वहीं, धूल भरी आंधी और छिटपुट ओलावृष्टि का भी अनुमान है। इसके बाद इन मौसमी घटनाओं की तीव्रता में काफी कमी आने की उम्मीद है।
बता दें, बारिश का आगमन एक सकारात्मक विकास है, पश्चिमी हिमालय में मध्यम से भारी बर्फबारी के कारण भूस्खलन और भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है। यह खासकर परेशान और चिंताजनक स्थिति है। क्योंकि इस क्षेत्र में आमतौर पर अप्रैल के दूसरे सप्ताह तक पश्चिमी विक्षोभ की गतिविधि में गिरावट का अनुभव होता है।
इस वर्ष तीव्र पश्चिमी विक्षोभ की विस्तारित अवधि असामान्य है। वहीं, 20 अप्रैल को ऐसी एक और प्रणाली के आने की भविष्यवाणी की गई है। इस आगामी विक्षोभ के कारण पहाड़ों पर हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी होने की संभावना है।
इसीलिए मैदानी इलाकों और हिमालय दोनों के निवासियों को सलाह दी जाती है कि वे नवीनतम मौसम सलाह से अपडेट रहें। वहीं, इस अवधि के दौरान सावधानी बरतें।