दक्षिण प्रायद्वीप के अधिकांश हिस्सों में लंबे समय से शुष्क मौसम की स्थिति बनी हुई है। उत्तर-पूर्वी मानसून की वापसी के बाद मौसम की गतिविधियाँ न्यूनतम हो जाती हैं। कुछ हिस्सों में छिटपुट बारिश होती है, खासकर भूमध्य रेखा के निकट के दक्षिणी क्षेत्र में। दैनिक परिवर्तन और समुद्री हवा के प्रभाव के कारण भी तमिलनाडु के तटीय भागों में थोड़ी बारिश होती है। पिछले 24 घंटों में कराईकल और नागपट्टिनम में बहुत हल्की बारिश दर्ज की गई।
जनवरी में हुई अच्छी बारिश: दक्षिण प्रायद्वीप में इससे पहले जनवरी की शुरूआती 15 दिनों में अच्छी बारिश दर्ज की गई थी। इसलिए जनवरी महिने का समापन 133% से अधिक वर्षा के साथ हुआ। जिसमें सबसे ज्यादा केरल, तमिलनाडु, तटीय और दक्षिण कर्नाटक में ज्यादा बारिश हुई थी। वहीं, आंध्रप्रदेश, उत्तरी कर्नाटक और तेलंगाना में कम बारिश देखी गई थी। समुद्र तट के दोनों ओर के द्वीपों में बड़ी मात्रा में अतिरिक्त पानी की मात्रा मापी गई, जिससे क्षेत्र का मौसमी अधिशेष बढ़ गया। हालाँकि, फरवरी का महीना अब तक क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों में शुष्क ही रहा है। फरवरी के पहले 12 दिनों में लगभग शून्य वर्षा रिकॉर्ड में दर्ज की गई है, जिससे क्षेत्रीय मासिक कमी 90% से अधिक हो गई है।
95% से ज्यादा बारिश की कमी: पूरे क्षेत्र में सूखा होने के साथ जनवरी महिने में पहले का अधिशेश खपत हो रहा है। जनवरी के अंत तक केरल में अधिशेष 694% से घटकर 359% रह गया है। इसी तरह 01 और 31 जनवरी 2024 के बीच तमिलनाडु में 310% की अधिकता अब 01 जनवरी से 12 फरवरी 2024 के बीच -29% की कमी पर आ गई है। इसी तरह की कमी दक्षिण और तटीय कर्नाटक में भी देखी गई है। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के घाटे वाले क्षेत्र 95% से अधिक वर्षा की भारी मौसमी कमी झेल रहे हैं।
जल्दी राहत की उम्मीद नहीं: बता दें, अभी इन क्षेत्रों में शुष्क स्थिति जारी रहने की संभावना है। केवल तमिलनाडु के तटीय भागों और आसपास के इलाकों में आज और कल बहुत हल्की बारिश हो सकती है। पूरा क्षेत्र अगले 10 दिनों या उससे भी अधिक समय तक सूखा रहेगा। किसी बड़ी रिकवरी की उम्मीद नहीं है। जिससे बारिश की कमी और ज्यादा बढ़ने की संभावना है। पश्चिमी तट के मैंगलोर, कोझिकोड, कोच्चि और पुनालुर में तापमान 35°C से अधिक है। वहीं, कारवार सबसे गर्म रहा, जहां कल पारा 36 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। पूर्वी तट हालांकि, पूर्वी तट पर 30 डिग्री से कम पारे के साथ बेहतर छाया है। लेकिन ये निश्चित रूप से अपने समकक्षों की तुलना में अधिक आर्द्र हैं। समुद्र तट के दोनों ओर गर्म और उमस भरी स्थितियाँ एक समान हैं। इसीलिए इस क्षेत्र के लिए किसी बड़ी राहत की उम्मीद नहीं है.