जनवरी 2024 का महीना 2018 के बाद से सबसे शुष्क महीने के रूप में दर्ज किया गया है। जनवरी में पूरे भारत में बारिश की 58% की भारी कमी दर्ज की गई। 29 जनवरी को बारिश की कमी 61% पहुंच गई थी। महीने के आखिरी 2 दिनों में उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में अच्छी बारिश और पहाड़ों पर बर्फबारी हुई। जिससे मामूली सुधार हुआ और बारिश की कमी 58% कम हो गई। हालांकि, भारी कमी के बावजूद दक्षिण प्रायद्वीप में अधिशेष वर्षा के साथ एक बाहरी क्षेत्र था, विशेष रूप से दक्षिणी मौसम विज्ञान उप-विभाजन जैसे केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक।
कुल मिलाकर उत्तर-पश्चिम भारत जनवरी के महिने में कुल मिलाकर 91% की कमी के साथ सबसे अधिक प्रभावित रहा। मैदान और पहाड़ दोनों पर समान रूप से शुष्क मौसम रहा। जाहिर तौर पर, पहाड़ी राज्यों जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में कोई बर्फबारी नहीं हुई। सर्दियों के मौसम में सबसे ज्यादा बारिश वाले महीनों में भी निचली पर्वतमालाओं और पर्यटक रिसॉर्ट बिना बारिश और बर्फबारी के बंजर बने रहे, जिससे सूखे जैसा नजारा देखने को मिला। जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में महीने के आखिरी 2 दिनों में हल्की बारिश और बर्फबारी हुई।
मैदानी इलाकों में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ और उसकी सहायक सहायता प्रणालियों की मौजूदी पूर तरह से कमजोर रही। हालांकि, अब मौसम में उलटफेर की संभावना दिख रही है। फरवरी की शुरुआत में पर्वत श्रृंखलाओं पर अच्छी मात्रा में बर्फ गिरी है। ये स्थितियाँ सप्ताह के बाकी दिनों तक बनी रहेगी और अगले सप्ताह की शुरुआत में हल्की हो जाएगी। इसके बाद उत्तरी भागों में एक सप्ताह के लंबे ब्रेक की उम्मीद है। उत्तर में शुष्क मौसम की स्थिति की आंशिक रूप से भरपाई होने की संभावना है, 10 फरवरी के बाद अगले सप्ताह में मध्य और कुछ पूर्वी हिस्सों में बेमौसम बारिश होगी।