मॉनसून का आखिरी महीना शुरू हो गया है और देश के कई इलाकों में बारिश हो रही है। लेकिन कुछ भाग ऐसे भी हैं जहां मॉनसून की सुस्ती किसानों की चिंता बढ़ा रही है। साल 2019 के मॉनसून को असंतुलित बारिश देने वाले मॉनसून के रूप में जाना जाएगा।इस समय एक निम्न दबाव का क्षेत्र ओड़ीशा पर पहुंचा है और मॉनसून ट्रफ मध्य भारत पर बनी हुई है।इन सिस्टमों के कारण ओड़ीशा और झारखंड के अधिकांश इलाकों में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है।
इन राज्यों में झारसुगुदा, संभलपुर, जमशेदपुर और रांची सहित कई शहरों में तेज़ वर्षा की उम्मीद है। कोलकाता, पटना, गया, वाराणसी, प्रयागराज सहित पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और गंगीय पश्चिम बंगाल में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।उत्तरी बंगाल, सिक्किम, असम, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश में भी मध्यम बौछारें गिर सकती हैं।
मध्य भारत में पूर्वी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बारिश बढ़ने की संभावना है। इन भागों में मध्यम से भारी बौछारें गिरेंगी तो नागपुर, नाशिक, मुंबई, अहमदाबाद, कोटा सहित विदर्भ, कोंकण गोवा, गुजरात और पूर्वी राजस्थान में हल्की से मध्यम बारिश देखने को मिल सकती है। एक-दो स्थानों पर तेज़ बारिश हो सकती है।
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मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र में कुछ स्थानों पर बारिश होने की संभावना है। दक्षिण भारत में पश्चिमी तटों पर मेहरबान होगा मॉनसून। यहाँ तटीय कर्नाटक और उत्तरी केरल में मध्यम से भारी वर्षा होने की संभावना है। जबकि केरल के बाकी हिस्सों, तमिलनाडु के कुछ भागों, तटीय आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के कुछ भागों में हल्की से मध्यम बारिश देखने को मिल सकती है। दक्षिण के बाकी हिस्सों पर मॉनसून कमजोर रहेगा।
उत्तर भारत में पहाड़ों पर यानि जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हल्की से मध्यम बारिश जारी रहेगी लेकिन मैदानों पर मॉनसून निराश करेगा। हालांकि पंजाब, हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर में थोड़े समय के लिए बारिश का झोंका लोगों को भिगो सकता है। लेकिन इसकी probability बहुत अधिक नहीं है और यह झोंका गर्मी तथा उमस के असर को कम नहीं कर पाएगा। आगरा, अलीगढ़, मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
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