दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून-2019 अब अपने आखिरी दौर में पहुँच चुका है। अगले 24 घंटों में यह समूचे देश को अलविदा कह सकता है। हर साल की तरह ही इस बार भी मॉनसून कुछ खट्टी कुछ मीठी यादों के साथ विदा हो रहा है। अब दक्षिण भारत को उत्तर-पूर्वी मॉनसून का इंतजार है।
फिलहाल दक्षिण भारत में पहले से बारिश हो रही है। अब बारिश बढ़ने वाली है क्योंकि अगले 48 घंटों में उत्तर-पूर्वी मॉनसून यानि देश का मिनी मॉनसून दस्तक दे सकता है। इस बीच लक्षद्वीप के पास एक सर्कुलेशन बना हुआ है। इसके प्रभाव से केरल, दक्षिणी आंतरिक तमिलनाडु तथा दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक में मध्यम से भारी बारिश देखने को मिल सकती है।
कर्नाटक के बाकी भागों और आंध्र प्रदेश में हल्की से मध्यम बौछारें गिरने की संभावना है। जबकि चेन्नई और हैदराबाद सहित तेलंगाना और तटीय तमिलनाडु में बारिश में कमी रहेगी।पूर्वी भारत के राज्यों का मौसम देखें तो बिहार पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इसके चलते बंगाल की खाड़ी से आर्द्र हवाएँ गंगीय पश्चिम बंगाल और ओडिशा में पहुंच रही हैं। उम्मीद है कि इन राज्यों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा दर्ज की जाएगी।
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लेकिन बिहार झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में सभी जगहों पर मौसम शुष्क ही रहेगा। दूसरी तरफ पूर्वोत्तर भारत में नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में 1-2 स्थानों पर हल्की बारिश के आसार दिख रहे हैं।मध्य भारत में सभी स्थानों से मॉनसून वापस लौट चुका है। इस बीच मध्य भारत में राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तरी छत्तीसगढ़, विदर्भ, मराठवाड़ा और उत्तरी मध्य महाराष्ट्र में मौसम शुष्क रहेगा। दूसरी ओर दक्षिणी छत्तीसगढ़, दक्षिणी कोकण गोवा और दक्षिणी मध्य महाराष्ट्र के शहरों में 1-2 स्थानों पर हल्की वर्षा देखने को मिल सकती है।
उत्तर भारत के मौसम में16 अक्टूबर को भी कोई खास बदलाव नहीं होगा। राजस्थान पर एक विपरीत चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है और अब उत्तर पश्चिमी शुष्क हवाएं उत्तर के राज्यों में चलने लगी हैं, जिससे पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के लगभग सभी इलाकों में मौसम शुष्क और आसमान साफ रहेगा।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कुछ स्थानों पर प्रदूषण पिछले दिनों के मुकाबले और खराब स्थिति में पहुंच सकता है। गिरती वायु गुणवत्ता स्वास्थ्य के लिए गंभीर चुनौती पैदा कर सकती है लिहाजा सावधानी बरतने का समय आ चुका है।
पहाड़ों पर भी मौसम शुष्क रहेगा। हालांकि 17 अक्टूबर से कश्मीर और हिमाचल में मौसम करवट ले सकता है।
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