30 सितंबर के साथ ही मॉनसून सीज़न आधिकारिक रूप से सम्पन्न हो गया है। लेकिन मॉनसून अभी लौटा नहीं है। 1 जून से 30 सितंबर के चार महीनों के इस सीज़न में कुल 110% बारिश रिकॉर्ड की गई है।
गुजरात, पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार को राहत मिल गई है। लेकिन देश में कई जगह मॉनसून अभी भी सक्रिय है।
खासकर मध्य भारत के कुछ इलाके मॉनसून के रडार पर रहेंगे। राजस्थान और इससे सटे मध्य प्रदेश पर पहुंचे निम्न दबाव के चलते दक्षिण-पूर्वी राजस्थान और इससे सटे पश्चिमी मध्य प्रदेश में मध्यम से भारी बारिश की संभावना है।
पूर्वी और उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश में कुछ स्थानों पर मध्यम बारिश हो सकती है। सूरत, अहमदाबाद, बड़ौदा सहित गुजरात के शहरों में अब हल्की वर्षा की ही उम्मीद है।
मुंबई सहित उत्तरी कोंकण क्षेत्र, विदर्भ और छत्तीसगढ़ में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश के आसार हैं।
पूर्वी भारत के भागों का मौसम देखें तो बांग्लादेश पर एक सर्कुलेशन बना हुआ है और एक ट्रफ पूर्वी उत्तर प्रदेश से इस सर्कुलेशन तक बना हुआ है।
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अब पश्चिम बंगाल में बारिश बढ़ जाएगी। उम्मीद मध्यम बारिश के बीच एक-दो स्थानों पर भारी वर्षा की है। झारखंड के कुछ भागों और ओड़ीशा में भी कुछ स्थानों पर अच्छी वर्षा हो सकती है।
असम और त्रिपुरा समेत पूर्वोत्तर राज्यों में भी कुछ स्थानों पर अच्छी बारिश हो सकती है। पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के पूर्वी हिस्सों में हल्की बारिश होगी। एक-दो बार तेज़ बौछारें पड़ सकती हैं।
बाढ़ में डूबे पटना और गया सहित बिहार के शहरों पर मॉनसून आफत नहीं बनेगा। जबकि रांची, जमशेदपुर और कोलकाता में अच्छी वर्षा की उम्मीद कर सकते हैं।
दक्षिण भारत में भी कई शहरों में बारिश हो रही है। अनुमान है कि दक्षिणी तमिलनाडु और केरल के कुछ इलाकों में मध्यम से भारी बौछारें गिर सकती हैं।
रायलसीमा, तेलंगाना में कुछ स्थानों पर जबकि तेलंगाना, तटीय आंध्र प्रदेश और उत्तरी कर्नाटक में एक-दो जगह हल्की बारिश की उम्मीद है।
उत्तर भारत में मॉनसून का मिलाजुला असर रहेगा। उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में अच्छी वर्षा हो सकती है। जबकि पंजाब, हिमाचल प्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली-एनसीआर में एक-दो स्थानों पर गरज के साथ बौछारें गिर सकती हैं।
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