चक्रवाती तूफान महा अरब सागर में लंबा समय बिताने और गुजरात के लोगों को डराने के बाद कमजोर हो गया है। इस समय यह डिप्रेशन के रूप में गुजरात के दक्षिण में पहुंचा है। कमजोर होने के बावजूद अनुमान है कि इसके प्रभाव से पोरबंदर, वेरावल, सोमनाथ, अमरेली, सूरत, वलसाड और भावनगर सहित दक्षिणी गुजरात में मध्यम से भारी बारिश दर्ज की जाएगी। गुजरात के बाकी हिस्सों में छिटपुट बारिश के आसार हैं।
जोधपुर, कोटा, सवाई माधोपुर, इंदौर, उज्जैन, मंदसौर, मुंबई, नासिक और पुणे सहित दक्षिण-पूर्व राजस्थान, पश्चिम मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के हिस्सों में भी बारिश होने के आसार हैं। लेकिन डराने वाली बारिश नहीं होगी। उत्तर भारत में भी मौसम करवट ले चुका है। सीज़न के पहले प्रभावी पश्चिमी विक्षोभ और इसके चलते बने सर्कुलेशन के कारण जम्मू-कश्मीर में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में कुछ स्थानों पर बारिश होने की संभावना है। कुलगाम, गुलमार्ग, पहलगाम, शिमला, बद्रीनाथ और केदारनाथ सहित इन राज्यों के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी भी हो सकती है।
मैदानों में पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान और दिल्ली के कुछ हिस्सों में बादलों की गर्जना के साथ बौछारें गिर सकती हैं। इससे दिन का तापमान गिरेगा और प्रदूषण भी घटेगा। दक्षिण भारत में इस समय कोई प्रभावित मौसमी सिस्टम नहीं है। जिससे मिनी मॉनसून बहुत प्रभावी नहीं होगा। हालांकि रायलसीमा से दक्षिणी तमिलनाडु तक विपरीत हवाओं के कारण दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक, केरल, रायलसीमा, आंतरिक तमिलनाडु और तेलंगाना के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बौछारें गिर सकती हैं।
बंगाल की खाड़ी के मध्य पूर्व में बना सिस्टम प्रभावी होते हुए चक्रवाती तूफान बन गया है। तूफान बुलबुल उत्तर और उत्तर-पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ेगा। इसके 10 नवंबर तक पश्चिम बंगाल और आसपास के भागों में हिट करने की संभावना है। जैसे-जैसे तूफान तटों के करीब आ रहा है ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों के पास समुद्र में उथल-पुथल बढ़ती जा रही है। हवा जल्द ही और रफ़्तार पकड़ेगी। इसे देखते हुए समुद्र में गतिविधियों को फिलहाल टाल देना चाहिए।इस बीच पूर्वोत्तर भारत में हल्की बारिश के आसार हैं। हालांकि, पूर्वी भारत के शहरों में कोलकाता से लेकर पटना, रांची, भुवनेश्वर, वाराणसी और लखनऊ तक मौसम शुष्क रहेगा। तटीय ओडिशा में बादल छा सकते हैं।
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