चक्रवात महा अरब सागर में घूमने के बाद और इंटेन्सीफाई होने के बाद अब गुजरात तट की ओर बढ़ रहा है। हालांकि गुजरात तट पर पहुंचने से पहले इसके कमजोर होने की संभावना है। गुजरात में 7 नवंबर को यह दस्तक दे सकता है। इसके प्रभाव से गुजरात में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। तटीय क्षेत्रों में 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएँ चलेंगी और समुद्र में 8 से 10 फीट ऊंची लहरें उठेंगी। मछुआरों को हमारी सलाह है कि कम से कम 8 नवंबर की सुबह तक समुद्र से दूर रहें। दक्षिण और दक्षिण-पूर्वी राजस्थान तथा पश्चिमी मध्य प्रदेश में भी कुछ स्थानों पर बादलों की गर्जना और हवाओं के साथ बारिश हो सकती है। मुंबई, पुणे और गोवा सहित कोंकण गोवा और मध्य महाराष्ट्र में बारिश की गतिविधियां बढ़ सकती हैं।
उत्तर भारत में एक पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर पर है। इसके प्रभाव से बना चक्रवाती सिस्टम मध्य पाकिस्तान पर दिखाई दे रहा है। इन सिस्टमों के प्रभाव से जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में कुछ स्थानों पर गरज के साथ बारिश और बर्फबारी होने की संभावना है। पंजाब, हरियाणा और उत्तरी राजस्थान में भी गरज के साथ बारिश हो सकती है। दिल्ली और पश्चिम उत्तर प्रदेश में 6 नवंबर को मौसम शुष्क रहेगा। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण फिर से बढ़ सकता है। हालांकि अगले 24 घंटों के बाद यहाँ भी बारिश की संभावना है जिससे 7 नवंबर से प्रदूषण में कमी की उम्मीद है। दक्षिण भारत में कर्नाटक, केरल और आंतरिक तमिलनाडु में कुछ स्थानों पर अच्छी बारिश हो सकती है। जबकि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में मौसम आमतौर पर शुष्क रहेगा। एक-दो स्थानों पर हल्की बारिश की संभावना है।
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पूर्वोत्तर भारत में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश के आसार हैं क्योंकि यहाँ बांग्लादेश पर बना सर्कुलेशन सक्रिय रहेगा। लेकिन पूर्वी भारत में मौसम शांत रहेगा।
इस बीच आपको बता दें कि बंगाल की खाड़ी में समुद्री तूफान विकसित होने वाला है। अभी यह डिप्रेशन के रूप में है। अनुमान लगाया जा रहा है कि तूफान बुलबुल उत्तरी ओडिशा और गंगीय पश्चिम बंगाल के बीच 10 नवंबर के आसपास लैंडफॉल कर सकता है। फिलहाल आगे जाने से पहले यह डिप्रेशन अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह पर अच्छी बारिश दे सकता है।
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