दक्षिण भारत में उत्तर-पूर्वी मॉनसून सक्रिय है। आगे भी सक्रिय रहेगा जिससे बारिश जारी रहने की संभावना है। इसकी वजह है बंगाल की खाड़ी में बनी यह ट्रफ। अनुमान है कि दक्षिणी तटीय आंध्र प्रदेश, रायलसीमा, तमिलनाडु और केरल के कुछ हिस्सों में बादलों की गर्जना के साथ हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की जाएगी।
तटीय और दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक में भी कुछ स्थानों पर हल्की बारिश हो सकती है। हैदराबाद सहित तेलंगाना और उत्तरी आंतरिक कर्नाटक में बारिश नहीं होगी।
पूरब में असम पर एक सर्कुलेशन अभी भी है। इसके चलते अरुणाचल प्रदेश में पूर्वी असम और मेघालय में कुछ स्थानों पर बारिश होने के आसार हैं।
सिक्किम में पेलिंग, लाछेन, नामची और अरुणाचल में तवांग, खोनसा, रोइंग जैसे ऊंचे हिल स्टेशनों पर हल्की बर्फबारी का नज़ारा मिल सकता है।
बाकी हिस्सों में मौसम शुष्क रहेगा। पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में न्यूनतम तापमान में कमी के आसार हैं।
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उत्तर भारत में इस समय कोई प्रभावी सिस्टम नहीं है। इसलिए 19 नवंबर को जम्मू कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में मौसम शुष्क होगा। पहाड़ों पर बर्फबारी के लिए अगले 21 नवंबर तक का करना होगा इंतज़ार।
एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी अफगानिस्तान और आसपास के क्षेत्रों पर पहुंचा है। जब यह कश्मीर और लद्दाख पर पहुंचेगा तब बदलेगा पहाड़ों का मौसम।
इस बीच पंजाब हरियाणा, दिल्ली, उत्तरी राजस्थान और पश्चिम उत्तर प्रदेश में ठंडी उत्तर-पश्चिमी हवाएँ चलती रहेंगी। जिससे न्यूनतम तापमान में और कमी आने की उम्मीद है। अगले दो दिन तक दिल्ली-एनसीआर को प्रदूषण के प्रकोप से राहत बनी रहेगी। हालांकि हवा की स्पीड कम होते ही प्रदूषण में बढ़ने लगेगा।
मध्य भारत के मौसम का हाल देखें तो दक्षिण-पूर्वी राजस्थान पर एक एंटी-साइक्लोन बना हुआ है। एंटी-साइक्लोन विपरीत दिशा की हवाएँ लाते हैं जिससे रीवा, सागर, ग्वालियर, उदयपुर, जैसलमर, गांधीनगर, बड़ौदा, जामनगर, सूरत, पुणे, नाशिक, मुंबई, और नागपुर सहित मध्य भारत में किसी मौसमी हलचल की उम्मीद नहीं है।
हालांकि उत्तर और उत्तर-पूर्व से आ रही शुष्क हवाओं के कारण मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और विदर्भ में न्यूनतम तापमान में और गिरावट हो सकती है।
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