दक्षिण भारत में दक्षिण मध्य अरब सागर के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इसके साथ ही एक ट्रफ़ रेखा इस सिस्टम से दक्षिण तमिलनाडु की ओर जा रही है। इसके साथ ही दक्षिण कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के पश्चिमी हिस्सों में हल्के से मध्यम बारिश हो सकती है।
दक्षिणी हवाओं की वजह से आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और उत्तरी कर्नाटक के हिस्सों में हल्की वर्षा हो सकती है।
मध्य भारत की ओर जाएँ तो एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र मध्य प्रदेश और विदर्भ पर देखा जा सकता है। इसके साथ ही दक्षिण मध्य प्रदेश, उत्तर मध्य महाराष्ट्र और विदर्भ में हल्की वर्षा हो सकती है। एक दो स्थानों पर मध्यम वर्षा से इंकार नहीं किया जा सकता। छत्तीसगढ़, गुजरात के कुछ हिस्सों और कोंकण पर हल्की बारिश संभव है।
पूर्व और पूर्वोत्तर भारत की ओर जाएँ तो मॉनसून की अक्षीय रेखा हिमालय के तराई इलाकों से गुज़र रही है। इसके साथ ही एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पूर्वोत्तर बिहार पर और एक पूर्वी असम के ऊपर देखा जा सकता है। एक ट्रफ़ रेखा उत्तरी बिहार से उत्तर बंगाल की खाड़ी तक जा रही है।
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इन सिस्टमों की वजह से असम, मेघालय, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम से मध्यम से भारी बारिश की संभावना है। इस बीच पूर्वोत्तर राज्यों के बाकी हिस्सों में हल्की बारिश हो सकती है।
वहीं बिहार, झारखंड, गंगीय पश्चिम बंगाल और उत्तर ओडिशा में भी वर्षा के आसार हैं।
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उत्तर भारत की ओर जाएँ तो एक पश्चिमी विक्षोभ जम्मू और कश्मीर पर देखा जाता है जिससे उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू और कश्मीर के पश्चिमी हिस्सों पर हल्की वर्षा संभव हैं।
राजस्थान में एक विपरीत चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र देखा जा सकता है। इसके अलावा शुष्क उत्तर-पश्चिमी हवाएँ उत्तरपश्चिमी भारत के मैदानी इलाकों में चल रही हैं। इसकी वजह से यहाँ शुष्क मौसम जारी रहेगा और तापमान के बढ्ने की भी उम्मीद है। लेकिन एक दो स्थानों पर बूँदा बाँदी हो सकती है।
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