दक्षिण-पश्चिमी मानसून की वापसी आखिरकार देश के पश्चिमी हिस्सों के साथ शुरू हो गयी है। इस बार मॉनसून withdrawal में हल्की देरी के साथ 29 सितंबर से मॉनसून राजस्थान के कुछ हिस्सों और गुजरात के कच्छ क्षेत्र से वापसी के लिए तयार है।
मॉनसून की वापसी-रेखा वर्तमान में अनुपगढ़, नागौर, जोधपुर, जलोर, नालिया और पूर्वोत्तर अरब सागर से गुज़र रही है।
राजस्थान पर अच्छी तरह से स्थापित एक एंटी-साइक्लोन और शुष्क मौसम ये इशारा कर रहा है कि अगले 2-3 दिनों में उत्तर-पश्चिमी मैदानों के अधिकांश हिस्सों से मानसून वापसी ले लेगा।
अब मौसम की स्थिति के बारे में बात करें तो शुष्क और गर्म हवाएं उत्तर-पश्चिमी मैदानी इलाकों विशेष रूप से राजस्थान और गुजरात में अनुभव की जाएंगी। इसी प्रकार का मौसम, देश के मध्य भागों में भी बना रहेगा। इस बीच, पहाड़ों में, अफगानिस्तान और पाकिस्तान पर मौजूद एक कमजोर वेस्टर्न डिस्टर्बेंस जल्द ही जम्मू-कश्मीर को प्रभावित करेगी, जिसके कारण राज्य में अलग-अलग जगह पर हल्की बारिश होगी।
इस समय देश के दक्षिणी भाग में एक प्रमुख मौसम गतिविधि देखी जा सकती है। एक cyclonic circulation श्रीलंका और दक्षिण-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी पर मौजूद है, और इससे एक ट्रफ रेखा तमिलनाडु, केरल, तटीय कर्नाटक से होते हुये पूर्वी-मध्य अरब सागर तक जा रही है।
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भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप में तमिलनाडु के आंतरिक हिस्सों, केरल और लक्षद्वीप में भारी बारिश के साथ व्यापक वर्षा गतिविधि की संभावना है। पश्चिमी तट पर भी कोंकण व गोवा और मुंबई में हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान है।
downstream convergence के कारण महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों, आंतरिक तेलंगाना, ओडिशा और आंध्र प्रदेश में हल्की बारिश होगी।
अगर देश के पूर्वी हिस्से की बात करें तो असम और अरुणाचल प्रदेश में एक cyclonic circulation देखा जा सकता है। जिसकी वजह से पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्सों, उप हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम और बिहार के तराई क्षेत्रों में हल्की बारिश होने क संवभावना है।
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