जम्मू-कश्मीर पर एक पश्चिमी विक्षोभ बना है, जबकि गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र अब उत्तरी राजस्थान और आसपास के हरियाणा में एक निम्न दबाव के क्षेत्र के रूप में स्थित है। इन दोनों सिस्टमों के प्रभाव के कारण जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में काफी भारी बारिश की संभावना है। इन भागों में बाढ़ और भूस्खलन भी संभव हैं।
उत्तर पंजाब, उत्तर हरियाणा और उत्तर-पश्चिम उत्तर प्रदेश में भी भारी बारिश की संभावना है। वहीँ, पूर्वोत्तर राजस्थान, दिल्ली और पश्चिम उत्तर प्रदेश में मध्यम बारिश की उम्मीद है। राजस्थान के बाकी हिस्सों में हल्की बारिश हो सकती है।
बंगाल की केंद्रीय खाड़ी पर बने विपरीत चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र की वजह से ओडिशा और आसपास के हिस्सों में नम हवाओं का प्रवाह हो रहा है जिससे ओडिशा, दक्षिण झारखंड, गंगीय पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ में वर्षा हो सकती है। पूर्वोत्तर भारत क्षेत्र में उत्तर दक्षिण ट्रफ रेखा की वजह से हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
मध्य भारत के बारे में बात करें तो यहाँ बारिश कम हो जायेगी हालाँकि, पूर्वोत्तर मध्य प्रदेश, पूर्वी गुजरात में हल्की बारिश की उम्मीद की जा सकती है। मुंबई सहित कोकण और गोवा और विदर्भ में हल्की बारिश होने की संभावना है।
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दक्षिण भारत का ज़िक्र करें तो एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पूर्वी मध्य अरब सागर में बना हुआ है और इस प्रणाली से तमिलनाडु तक एक ट्रफ रेखा जा रही है। इन प्रणालियों की वजह से केरल, दक्षिण कर्नाटक, तमिलनाडु और रायलसीमा में मध्यम बारिश की उम्मीद है। दक्षिण भारत के बाकी हिस्सों में हल्की बारिश हो सकती है।
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