तटीय आंध्र प्रदेश के पास बना चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र आगे बढ़ेगा और तेलंगाना तथा उससे सटे भागों पर स्थिर रहेगा। कुछ समय के बाद यह दक्षिण-पश्चिम में बढ़ेगा। इसके अलावा पूर्वी तटों पर एक ट्रफ बनी हुई है।
इन सिस्टमों के प्रभाव से तेलंगाना में अधिकांश स्थानों पर मध्यम और एक-दो जगहों पर भारी बारिश के आसार हैं। विदर्भ, तटीय आंध्र प्रदेश, रायलसीमा, ओड़ीशा, छत्तीसगढ़, विदर्भ और मराठवाड़ा में हल्की से मध्यम बौछारें गिर सकती हैं।
इधर दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर भी हवाओं में एक चक्रवाती सिस्टम दिखाई दे रहा है।
मॉनसून की अक्षीय रेखा इस समय पंजाब, हरियाणा और हिमालय के तराई क्षेत्रों से होते हुए पूर्व में अरुणाचल प्रदेश तक बनी हुई है।
इस मौसमी परिदृश्य के बीच उत्तर प्रदेश और बिहार के तराई क्षेत्रों, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम और पूर्वोत्तर राज्यों में अधिकांश स्थानों पर मध्यम और कुछ जगहों पर भारी वर्षा होने के आसार हैं।
दिल्ली, राजस्थान और गुजरात में बारिश की तीव्रता में कमी आएगी। हालांकि इन भागों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बौछारें जारी रह सकती हैं।
पश्चिमी विक्षोभ ऊपरी हवा में ट्रफ के रूप में उत्तरी पाकिस्तान और आसपास के भागों पर दिखाई दे रहा है। इसके प्रभाव से जम्मू कश्मीर में रात के समय हल्की वर्षा शुरू हो सकती है। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बृहस्पतिवार से बारिश की तीव्रता में बढ़ोत्तरी होने के आसार हैं।
इधर पश्चिमी तटों पर बनी ट्रफ तटीय महाराष्ट्र से केरल तक के मौसम को प्रभावित कर रही है।
इसके चलते मुंबई सहित कोंकण-गोवा क्षेत्र, तटीय कर्नाटक और उत्तरी केरल में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
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