इस समय दक्षिण में दक्षिणी गोवा से लक्षद्वीप तक एक ट्रफ बना हुआ है। साथ ही बंगाल की खाड़ी के दक्षिण मध्य में एक चक्रवाती क्षेत्र विसकित हो गया है। इससे एक ट्रफ रेखा दक्षिणी तमिलनाडु तक पहुँच रही है। इन मौसमी सिस्टम के प्रभाव से तमिलनाडु के दक्षिणी हिस्सों में अधिकांश स्थानों पर हल्की वर्षा जबकि नीलगिरी पहाड़ी के आसपास के भागों में एक-दो स्थानों पर भारी वर्षा हो सकती है। तटीय कर्नाटक में मध्यम जबकि आंतरिक हिस्सों में हल्की बारिश होने की संभावना है। केरल और तटीय आंध्र प्रदेश में एक-दो स्थानों पर बारिश हो सकती है। लक्षद्वीप में बारिश की गतिविधियां बढ़ सकती हैं।
उत्तरी भारत के मौसम की बात करें तो यहाँ जम्मू कश्मीर के पास से एक पश्चिमी विक्षोभ गुज़र रहा है। हालांकि ये इन भागों में मौसम को प्रभावित करने वाला नहीं है। लेकिन कुछ हिस्सों में हल्के बादल छा सकते हैं। इधर मैदानी भागों में उत्तर-पश्चिमी शुष्क और ठंडी हवाओं का प्रभाव बृहस्पतिवार को और बढ़ जाएगा। इसके चलते दिन और रात के तापमान में कमी का क्रम जारी रहेगा जिससे सर्दी बढ़ने की संभावना है। साथ ही इन हवाओं के प्रभाव से दिल्ली सहित मैदानी राज्यों में धुंध और प्रदूषण के स्तर में कमी बनी रहेगी। इन हवाओं का प्रवाह पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में भी पहुंचेगा जिससे अगले 48 घंटों के दौरान इन राज्यों में भी सुबह के तापमान में 1-3 डिग्री की कमी आने के आसार हैं।
पूर्वोत्तर भारत में आसमान मुख्यतः साफ और मौसम शुष्क बना रहेगा। हालांकि इन राज्यों में सुबह के समय कुछ स्थानों पर मध्यम से घना कोहरा छा सकता है। तापमान में भी हल्की गिरावट दर्ज की जाएगी।
मध्य भारत के भागों में मौसम साफ़ और शुष्क बना रहेगा। हालांकि सुबह के तापमान में हल्की कमी आने के आसार हैं।
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