दक्षिण पश्चिम मॉनसून ने केरल में दस्तक दे दी है। मॉनसून की उत्तरी सीमा इस समय कोची, टोंडी, आइज़ोल, कोहिमा और देवमाली से होकर गुज़र रही है। चक्रवात मोरा के चलते मॉनसून बीते कुछ समय में तेज़ी से आगे बढ़ा है।
चक्रवात मोरा बांग्लादेश के तटों पर प्रवेश करने के बाद कमजोर हो गया है लेकिन इसके प्रभाव से अगले 24 घंटों के दौरान पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में कई जगहों पर भारी से अति भारी बारिश जारी रहने की संभावना है। तेज़ हवाएँ भी चलेंगी। 24 घंटों के बाद बारिश कम हो जाएगी।
देश के बाकी हिस्सों के मौसम पर नज़र डालें तो मध्य पाकिस्तान पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। यहाँ से एक ट्रफ पश्चिम बंगाल तक बनी हुई है।
इसके प्रभाव से जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में कुछ स्थानों पर वर्षा जारी रहने की संभावना है।
इसी ट्रफ के प्रभाव से पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरी राजस्थान, पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में धूलभरी आँधी चलने और गरज के साथ वर्षा होने के आसार हैं।
पूर्वी उत्तर प्रदेश पर बने चक्रवाती सिस्टम से एक ट्रफ छत्तीसगढ़ होते हुए तटीय आंध्र प्रदेश तक पहुँच रही है।
इन सिस्टमों के साथ-साथ चक्रवात मोरा के चलते बिहार, झारखंड और ओड़ीशा में अगले 24 घंटों के दौरान गरज के साथ अच्छी बारिश होने की संभावना है।
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पश्चिमी तटों पर भी एक ट्रफ रेखा बन गई है। इसके चलते केरल में अच्छी मॉनसूनी बारिश हो सकती है।
तटीय कर्नाटक, कोंकण-गोवा, दक्षिणी गुजरात और लक्षद्वीप में भी अच्छी बारिश होने के आसार हैं।
दक्षिण भारत के आंतरिक हिस्सों में मौसम मुख्यतः शुष्क बना रहेगा। हालांकि एक-दो स्थानों पर बादलों की गर्जना की संभावना बनी हुई है।
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