दक्षिण पश्चिम मॉनसून 2019 अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह के कुछ हिस्सों में पहुंचने के बाद पिछले 24 घंटों में आगे नहीं बढ़ा है। मॉनसून की उत्तरी सीमा कार निकोबार के पास है।
दक्षिणी अंडमान सागर पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है जिसके कारण अगले दो-तीन दिनों के दौरान मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए मौसम अनुकूल रहेगा।
फिलहाल मौसम पूर्वानुमान की शुरुआत उत्तर भारत से
जम्मू कश्मीर के पास एक पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है और इसके प्रभाव से विकसित हुआ चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र राजस्थान और आसपास के भागों पर है।
इससे हमारा अनुमान है कि जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 22 मई से बारिश बढ़ जाएगी। राज्य में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। ऊंचे स्थानों पर बर्फबारी भी हो सकती है।
पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में धूल भरी आंधी और बादलों की गर्जना के साथ हल्की वर्षा हो सकती है। इससे दिन के तापमान में कुछ कमी आ सकती है।
मध्य भारत के अधिकांश राज्यों यानि गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में मौसम शुष्क और काफी गर्म बना रहेगा। गुजरात, मराठवाड़ा और विदर्भ में एक-दो स्थानों पर लू का प्रकोप देखने को मिल सकता है। जबकि उत्तर पश्चिमी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ पर एक-दो स्थानों पर बादलों की गर्जना के साथ बूंदाबांदी होने की संभावना है।
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पूर्वी भारत के मौसम का हाल देखे तो एक चक्रवाती क्षेत्र हवाओं में असम और मेघालय पर बना हुआ है। जिसके प्रभाव से पूर्वोत्तर भारत के लगभग सभी राज्यों, सिक्किम और उप हिमालयी पश्चिम बंगाल में सभी स्थानों पर गरज के साथ वर्षा होने की संभावना है।
बिहार और झारखंड में एक-दो स्थानों पर बादलों की गर्जना और धूलभरी आँधी के साथ हल्की बूँदाबाँदी हो सकती है। जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश पर सूरज मेहरबान नहीं होगा और प्रचंड गर्मी जारी रहेगी।
दक्षिण भारत में तेलंगाना के लोगों को शुष्क मौसम के साथ लू की प्रचंड गर्मी का सामना करना पड़ेगा। जबकि तेलंगाना से तमिलनाडु तक बनी ट्रक के प्रभाव से आंध्र प्रदेश के दक्षिणी इलाकों, दक्षिणी कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में वर्षा हल्की वर्षा होने की संभावना है।
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