बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवाती तूफान रोआनु और सशक्त हो गया है और यह किसी भी समय भीषण चक्रवात का रूप ले सकता है। यह सिस्टम इस समय आंध्र प्रदेश और ओड़ीशा के तटों के साथ-साथ उत्तर-पूर्वी दिशा में आगे बढ़ रहा है।
इस तूफान के प्रभाव से भीषण बारिश की आशंका के चलते विशाखापत्तनम और गोपालपुर जैसे इलाकों के लिए चुनौती पैदा हो गई है। इन भागों में भारी बारिश के साथ 60 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएँ भी चलेंगी।
सिस्टम जैसे जैसे आगे बढ़ेगा, कोलकाता सहित तटीय पश्चिम बंगाल में भी बारिश बढ़ जाएगी। कई इलाकों में भारी वर्षा होगी।
चक्रवाती तूफान अगले 48 घंटों में बांग्लादेश में लैंडफाल कर सकता है। इस दौरान निचले असम, मेघालय, मणिपुर, मिज़ोरम और त्रिपुरा में भी भारी वर्षा हो सकती है।
यही नहीं इसके चलते आंतरिक ओड़ीशा, बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में भी हल्की वर्षा हो सकती है।
इधर दक्षिण में बारिश व्यापक रूप में घट गई है लेकिन चक्रवात के बचे प्रभाव से यहाँ बादल छाए रहेंगे।
बाकी हिस्सों के मौसम की बात करें तो इस समय राजस्थान और गुजरात के कुछ भागों में पारा 50°C के आंकड़े तक पहुँच रहा है जिससे इन भागों में जानलेवा गर्मी का प्रकोप बने रहने की आशंका है।
मध्य भारत के राज्यों और दिल्ली सहित उत्तर भारत में भी भीषण लू की गिरफ्त से छुटकारा नहीं मिलेगा। उत्तर के पर्वतीय राज्यों में भी तापमान 30°C को पार कर रहा है जिससे इन भागों में भी तपन महसूस की जा रही है।
इस बीच पंजाब और उससे सटे राजस्थान पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित हो गया है। दक्षिण पूर्वी मध्य प्रदेश पर भी एक कमजोर चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इन दोनों सिस्टमों को एक ट्रफ रेखा आपस में जोड़ रही है। इसके चलते ट्रफ के आसपास वाले भागों में एक-दो स्थानों पर धूलभरी आँधी चलने की संभावना है। लेकिन गर्मी से राहत दिलाने में यह नाकाम रहेगी।