दक्षिण पश्चिम मॉनसून निकोबार में पहले ही पहुँच गया है। अनुमान है कि अगले 24 से 48 घंटों के दौरान यह अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह के बाकी हिस्सों को भी कवर कर लेगा।
यहाँ एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इसके प्रभाव से मॉनसूनी हवाएँ प्रबल बनी रहेंगी और अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह में मध्यम से भारी बारिश जारी रहेगी। यहाँ समुद्र भी अशांत बना रहेगा।
अब नज़र देश के बाकी भागों के मौसम पर
जम्मू कश्मीर के पास बने पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में कुछ स्थानों पर वर्षा जारी रहेगी।
मध्य पाकिस्तान और इससे सटे पंजाब पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। यहाँ एक ट्रफ रेखा भी बनी हुई है।
इन सिस्टमों के प्रभाव से पंजाब, हरियाणा और उत्तरी राजस्थान में धूलभरी आँधी चलने की संभावना है। कहीं-कहीं वर्षा भी हो सकती है।
दिल्ली और इसके आसपास के भागों में भी आँधी चलने और गर्जना होने के आसार हैं।
उत्तर प्रदेश प्रदेश पर हवाओं में एक चक्रवाती सिस्टम दिखाई दे रहा है। इस सिस्टम से एक ट्रफ रेखा गंगीय पश्चिम बंगाल तक विकसित हो गई है।
हमारा अनुमान है कि उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों, पूर्वी बिहार और ओड़ीशा में एक-दो स्थानों पर गरज के साथ हल्की प्री-मॉनसून वर्षा हो सकती है।
कोलकाता सहित पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में कुछ स्थानों पर वर्षा के आसार हैं।
मध्य भारत के कई इलाके लू की चपेट में हैं। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और विदर्भ में लू का प्रकोप जारी रहने के आसार हैं।
हालांकि महाराष्ट्र से उत्तरी केरल तक बनी ट्रफ के प्रभाव से मध्य महाराष्ट्र में कुछ स्थानों पर वर्षा हो सकती है।
इस सिस्टम के प्रभाव से कर्नाटक और केरल में कुछ स्थानों पर वर्षा जारी रहेगी। बेंगलुरु और आंतरिक तमिलनाडु में भी एक-दो स्थानों पर हल्की बारिश हो सकती है।
ओड़ीशा से तटवर्ती आंध्र प्रदेश तक एक ट्रफ रेखा पहुँच रही है। इसके प्रभाव से तटीय आंध्र प्रदेश में कुछ स्थानों पर बारिश हो सकती है।
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