उत्तराखण्ड में तीर्थयात्रियों के लिए चार धाम यात्रा का शुभारंभ हो गया है। इस बीच अगले कुछ दिनों के दौरान राज्य में व्यापक प्री-मॉनसूनी बारिश होने के आसार हैं। ऐसे में हमें पहाड़ों पर किसी विषम मौसमी स्थिति पर गम्भीरता से नज़र बनाए रखने की आवश्यकता है।
उत्तरी पाकिस्तान तथा उससे सटे भागों पर बना पश्चिमी विक्षोभ धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है। इसके प्रभाव से विकसित हुआ चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पंजाब और हरियाणा पर दिखाई दे रहा है। इस सिस्टम से गंगा के मैदानी भागों में एक ट्रफ रेखा बन गई है।
इन मौसमी सिस्टमों के प्रभाव से बुधवार को उत्तरी राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली तथा पष्चिमी उत्तर प्रदेश में धूलभरी आँधी चलने और गरज के साथ बौछारें गिरने की संभावना है।
तीनों पर्वतीय राज्यों में भी कल से बारिश शुरू हो जाएगी।
बिहार के तराई वाले क्षेत्रों में एक नया चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित हो रहा है। इस सिस्टम से झारखण्ड और ओडिशा होते हुए छत्तीसगढ़ तक एक ट्रफ रेखा पहुंच रही है। इन भागों में गरज के साथ बौछारें गिरने के आसार हैं। पूर्वी राज्यों में 12 मई से बारिश बढ़ेगी और कई जगहों पर अच्छी प्री-मॉनसूनी बौछारें दर्ज की जाएंगी।
मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ में बीते कुछ दिनों से काफी अच्छी वर्षा हो रही है। इसके चलते इन भागों में तापमान गिरकर सामान्य या उससे नीचे दर्ज किया जा रहा है। बुधवार को पुने, नासिक, सोलापुर, औरंगाबाद और धुले सहित आसपास के भागों में तेज़ हवाओं के साथ बारिश होने के आसार हैं। कहीं-कहीं ओले भी पड़ सकते हैं।
इधर दक्षिण भारत में विंड डिसकन्टीन्यूटी बनी हुई है। संभावना है कि कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में इस रेखा के आसपास के भागों में प्री- मॉनसूनी बौछारें जारी रहेंगी।
गुजरात और दक्षिण-पष्चिमी राजस्थान में मौसम शुष्क बना रहेगा।