भारत के अधिकांश इलाके लू की चपेट में हैं। विशेष कहर मध्य भारत के लोगों को झेलना पड़ रहा है। गुजरात, विदर्भ और पश्चिमी राजस्थान के कई इलाकों में अधिकतम तापमान रिकॉर्ड तोड़ते हुए 44 डिग्री सेल्सियस के स्तर पर पहुँच गया है।
इस बीच मौसम विशेषज्ञों के अनुसार गर्मी के प्रकोप से राहत की जल्द उम्मीद नहीं है और आने वाले समय में मौसम के और क्रूर रूप का सामना लोगों को करना पड़ सकता है।
दिल्ली, हरियाणा सहित उत्तर भारत के समूचे मैदानी क्षेत्रों में पारा सामान्य से व्यापक रूप में ऊपर बना रहेगा।
इस बीच आपको यह भी बता दें कि एक नया पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर के करीब पहुँचने वाला है जो इस समय उत्तरी पाकिस्तान पर देखा जा सकता है।
इसके प्रभाव से कश्मीर के ऊंचे पहाड़ों पर हल्की वर्षा कहीं-कहीं हो सकती है जबकि पर्वतीय राज्यों के मैदानी इलाकों में मौसम शुष्क बना रहेगा।
इससे मैदानी राज्यों में भी किसी राहत की उम्मीद नहीं की जा रही है और इन भागों में बेहद गर्म तथा शुष्क हवाओं का प्रवाह जारी रहेगा।
इस बीच पूर्वी भारत में एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र उत्तरी-पश्चिम बंगाल पर बना हुआ है। इस सिस्टम से एक ट्रफ ओड़ीशा तक बनी हुई है। इसके चलते पश्चिम बंगाल, उत्तरी बिहार और उत्तरी तटीय ओड़ीशा में एक-दो स्थानों पर हल्की वर्षा हो सकती है।
एक अन्य चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र असम पर देख सकते हैं। इसके प्रभाव से मेघालय और असम में मूसलाधार वर्षा शुक्रवार को भी जारी रहेगी। पूर्वोत्तर भारत के शेष हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।
दक्षिण भारत के भागों का रुख करें तो यहाँ एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र उत्तरी कर्नाटक पर बना हुआ है। हालांकि यह बहुत प्रभावी नहीं है। लेकिन दक्षिण-पूर्वी श्रीलंका पर बने चक्रवाती सिस्टम और इससे केरल तक पहुँच रही ट्रफ के प्रभाव से केरल और तमिलनाडु के दक्षिणी हिस्सों में हल्की बारिश होने की संभावना है।
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