उत्तर भारत में मार्च की शुरूआत अच्छी बारिश के साथ हुई है। जबकि दक्षिणी राज्यों में प्री-मॉनसून बारिश के लिए अभी इंतज़ार जारी है।
इस समय का मौसमी परिदृश्य संकेत कर रहा है कि देश के अधिकांश भागों में बारिश का एक लंबा दौर जल्द शुरू होने वाला है। हम देख सकते हैं कि एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत के करीब आ रहा है। साथ ही इसके प्रभाव से राजस्थान और इससे सटे पाकिस्तान पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र भी विकसित हो रहा है।
इन दोनों मौसमी सिस्टमों का प्रभाव मुख्यतः 11 मार्च से देखने को मिलेगा। फिलहाल गुरूवार को राजस्थान के पश्चिमी भागों से बारिश शुरू होगी। धीरे-धीरे उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में भी बारिश बढ़ेगी। काफी अधिक बारिश के चलते जम्मू कश्मीर में बाढ़ जैसे हालात पैदा होने की भी आशंका है।
12 और 13 मार्च को राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में कई जगहों पर अच्छी बारिश दर्ज की जा सकती है।
महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल में भी कई जगहों पर वर्षा के आसार हैं। बारिश का प्रसार धीरे-धीरे तेलंगाना, रायलसीमा और दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक में भी देखने को मिलेगा।
इस बीच गुरूवार को पूर्वोत्तर राज्यों में बने इस चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के चलते ऊपरी असम और अरूणाचल प्रदेश में कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा हो सकती है।
पश्चिम बंगाल से विदर्भ तक एक ट्रफ रेखा बनी हुई है। यह छत्तीसगढ़ पर बने चक्रवाती हवाओं के बीच से गुजर रही है। हालांकि इसके प्रभाव से इन भागों में फिलहाल एक-दो जगहों पर हल्की वर्षा के ही आसार हैं।
पश्चिमी तटों के पास एक ट्रफ रेखा बनी हुई है। इसके चलते तटीय केरल में एक-दो स्थानों पर हल्की वर्षा होने की संभावना है।