जम्मू कश्मीर पर बना पश्चिमी विक्षोभ पूर्वी दिशा में आगे बढ़ रहा है। साथ ही इसके प्रभाव से मैदानी भागों पर बना चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र भी पूर्वी दिशा में बढ़ते हुए हरियाणा तथा उससे सटे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पास पहुंच गया है।
इन सिस्टमों के आगे बढ़ने के कारण जम्मू कश्मीर में बारिश और बर्फबारी एक-दो स्थानों तक ही सीमित होगी। जबकि हिमाचल प्रदेश और उत्तराखण्ड में सोमवार को भी कुछ जगहों पर गतिविधियां बनी रहेंगी।
पूर्वी पंजाब और उत्तर प्रदेश के तराई वाले भागों में कुछ स्थानों पर वर्षा के आसार हैं।
झारखण्ड से विदर्भ तक उत्तर से आने वाली शुष्क हवाओं से दक्षिण-पूर्वी हवाओं से मिल रही हैं जिससे यहां एक कोन्फ़्लुएन्स ज़ोन बना हुआ है। इस चक्रवाती क्षेत्र के आगे बढ़ने और यहां बने कोन्फ़्लुएन्स ज़ोन के चलते पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड, ओडिशा और उत्तरी छत्तीसगढ़ में कुछ स्थानों पर गरज के साथ बारिश हो सकती है। इन भागों में एक-दो जगहों पर ओले पड़ने और तेज़ हवाएं चलने की भी संभावना है।
पूर्वोत्तर राज्यों में मेघालय पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इस सिस्टम के प्रभाव से असम, मेघालय और अरूणाचल प्रदेश में एक-दो स्थानों पर हल्की बारिश हो सकती है।
मध्य भारत के भागों में आंशिक बादल छाए रहेंगे। लेकिन मौसम मुख्यतः शुष्क रहेगा। हालांकि कहीं-कहीं मेघगर्जना की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
तटीय कर्नाटक और केरल में छिटपुट बारिश हो सकती है। शेष भागों में मौसम शुष्क रहेगा।
तापमान की बात करें तो उत्तर भारत में मथुरा और आगरा जैसे कई जगहों पर अच्छी बारिश और ओलावृष्टि के चलते पारा व्यापक रूप में नीचे आया था। उत्तर के मैदानी राज्यों और मध्य भारत में अगले 48 घंटों तक तापमान इसी स्तर पर बना रहेगा। दो दिनों के बाद इसमें धीरे-धीरे बढ़ोत्तरी शुरू होगी।