शुरुआत मध्य भारत से क्योंकि देश में मध्य भारत ही एक मात्र ऐसा क्षेत्र होगा जहां मौसम एक बार फिर से बदलने वाला है। बंगाल की खाड़ी पर बने एंटी-साइक्लोन के चलते मध्य भारत के भागों में आर्द्र हवाएँ बढ़ गई हैं। विदर्भ से लक्षद्वीप तक बने ट्रफ से भी सपोर्ट मिल रहा है।
हम उम्मीद कर रहे हैं कि विदर्भ, दक्षिण और दक्षिण-पूर्वी मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ में 18 मार्च को हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। भोपाल, नागपुर, रायपुर जैसे कई शहरों में बारिश हो सकती है। इन भागों में एक-दो स्थानों पर गर्जना के साथ ओले गिरने की भी आशंका है। तेज़ हवाएँ भी चलेंगी।
दूसरी ओर मध्य महाराष्ट्र, कोंकण और गोवा, गुजरात और राजस्थान के सभी शहरों में मौसम शुष्क बना रहेगा।
उत्तर भारत में 18 मार्च लगातार तीसरा दिन होगा जब बारिश नहीं होगी। इस समय कोई मौसमी सिस्टम नहीं है। पहाड़ों से लेकर मैदानों में राजस्थान और उत्तर प्रदेश तक मौसम मुख्यतः शुष्क रहेगा। धूप तेज़ होगी। जहां तक कोरोना वाइरस के संक्रमण का मौसम से संबंध है तो विशेषज्ञ बता रहे हैं कि तेज़ धूप और अधिक गर्मी में यह वाइरस सरवाइव नहीं कर पाएगा और इसका प्रसार कम होगा।
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अच्छा ही होगा कि तापमान बढ़े। आपको बता दें कि 18 मार्च को दिन और रात दोनों का तापमान पश्चिमी हिमालय के साथ-साथ पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिम उत्तर प्रदेश और उत्तरी राजस्थान पर बढ़ने की उम्मीद है। पश्चिमी हिमालयी राज्यों में भी मौसम सूखा रहेगा।
पूर्वी भारत में पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के सभी शहरों में मौसम शुष्क रहेगा। पूर्वी उत्तर प्रदेश के दिन के तापमान में मामूली वृद्धि होने की उम्मीद है।
बंगाल की खाड़ी से आ रही अधिक आर्द्रता के चलते ओडिशा, असम के कुछ हिस्सों और अरुणाचल प्रदेश में कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा हो सकती है।
दक्षिण भारत के भागों का मौसम देखें तो समूचे दक्षिणी राज्यों में दक्षिण-पूर्वी आर्द्र और गरम हवाएँ चल रही हैं। कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में प्री-मॉनसून वर्षा जैसी किसी भी मौसमी हलचल की उम्मीद नहीं है। हालांकि, केरल, तेलंगाना और के उत्तरी जिलों में एक-दो स्थानों पर हल्की बारिश हो सकती है।
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