देश के दोनों ओर समुद्र तटीय भागों पर बने 2 मौसमी सिस्टम प्रायद्वीपीय भारत में बारिश बढ़ा रहे हैं। कर्नाटक के तटों के पास अरब सागर में बना चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र धीरे-धीरे सशक्त हो रहा है और जल्द ही यह और प्रभावी हो जाएगा। इसके चलते पश्चिमी तटों पर मॉनसूनी हवाएँ सक्रिय हैं और शीघ्र ही मुंबई सहित पश्चिमी तटों पर मॉनसून का आगाज़ होगा।
उधर बंगाल की खाड़ी में बना सिस्टम तटों के साथ-साथ आगे बढ़ रहा है और कल यह ओड़ीशा के तटीय भागों पर होगा। इसके प्रभाव से पूर्वी तटीय भागों में भी अच्छी वर्षा कई जगहों पर जारी रहेगी। एक-दो स्थानों पर भारी बारिश भी हो सकती है। प्रायद्वीपीय भारत के आंतरिक भागों में भी बारिश की तीव्रता बढ़ेगी।
उत्तर भारत के मौसम की बात करें तो पंजाब के पास बने चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के प्रभाव से पंजाब, हरियाणा और दिल्ली तथा आसपास के शहरों में कुछ स्थानों पर धूलभरी आँधी चलने और बादलों की गर्जना के साथ कहीं-कहीं पर वर्षा होने की संभावना बनी हुई है। हालांकि अधिकतर भागों में दिन का तापमान 40 डिग्री के ऊपर ही रहेगा क्योंकि यह गतिविधियां दोपहर बाद या शाम के समय देखने को मिलेंगी। उत्तर भारत के मैदानी भागों के लिए हमारे पास अच्छी खबर यह है कि यहाँ 10 जून से अच्छी वर्षा की संभावना बन रही है।
पूर्वी भारत में बिहार, झारखंड, ओड़ीशा और पश्चिम बंगाल में कुछ स्थानों पर गरज के साथ वर्षा होने के आसार हैं। पूर्वोत्तर राज्यों में कुछ जगहों पर वर्षा जारी रहेगी।
राजस्थान के कई भागों जबकि मध्य प्रदेश और गुजरात के कुछ हिस्सों में लू का प्रकोप बना रहेगा। अगले 2 दिनों के बाद भीषण गर्मी से कुछ राहत की उम्मीद है।