भारत के दोनों तटों पर बने मौसमी सिस्टमों के चलते मॉनसून के सक्रिय रहने की संभावना है। अरब सागर में बना सिस्टम इससे पहले डिप्रेशन का रूप ले चुका था। हालांकि यह पश्चिम में आगे बढ़ते हुए भारत से दूर ओमान के तटों के करीब पहुँच गया है और भारत के तटीय भागों के मौसम को यह प्रभावित नहीं करेगा।
दूसरी तरफ बंगाल की खाड़ी में बना निम्न दबाव का क्षेत्र पश्चिम में आगे बढ़ते हुए छत्तीसगढ़ और आसपास के भागों पर पहुंचेगा। इसके प्रभाव से दक्षिणी मध्य प्रदेश, विदर्भ, मराठवाड़ा और तेलंगाना में भारी मॉनसूनी बारिश होने की संभावना है।
पश्चिमी तटों पर बनी ट्रफ सक्रिय बनी रहेगी। इसके चलते बुधवार को भी कोंकण-गोवा और मुंबई सहित पश्चिमी तटों पर मूसलाधार वर्षा जारी रहेगी।
उत्तर भारत में पंजाब और आसपास के भागों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इस सिस्टम से एक ट्रफ रेखा हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश के ऊपर से मध्य भारत में बने सिस्टम तक पहुँच रही है।
मैदानी भागों में आर्द्र पूर्वी हवाओं का प्रवाह बना हुआ है। दिल्ली सहित उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में इस ट्रफ के चलते मॉनसून जल्द दस्तक दे सकता है। फिलहाल इन भागों में तेज़ हवाओं और गरज के साथ प्री-मॉनसून बौछारें गिरने की संभावना बनी हुई है।