मॉनसूनी बारिश में बढ़ोत्तरी हो रही है। इस बीच देश के दोनों तटीय भागों पर नए मॉनसूनी सिस्टम विकसित हो रहे हैं। आने वाले दिनों में इन सिस्टमों के चलते बारिश और बढ़ सकती है।
पश्चिमी तटों पर मॉनसून सक्रिय बना हुआ है। यहाँ बनी इस ट्रफ के प्रभाव से बृहस्पतिवार को भी तटीय भागों में मध्यम वर्षा जारी रहने की संभावना है। कर्नाटक और कोंकण-गोवा क्षेत्र में भारी वर्षा भी होगी।
हालांकि आंतरिक प्रायद्वीपीय भारत में बारिश अपेक्षाकृत कम रहेगी। दूसरी तरफ पूर्व में उत्तरी-तटीय तमिलनाडु और तटवर्ती आंध्र प्रदेश में सक्रिय मॉनसून से बारिश जारी रहेगी। हैदराबाद, चेन्नई और बंगलुरु में दिन में बारिश का मौसम बना रहेगा जबकि मुंबई में रुक-रुक कर वर्षा की गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं।
दक्षिणी राजस्थान और गुजरात पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है इसके प्रभाव से गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में अच्छी वर्षा होने के आसार हैं। साथ ही यह सिस्टम दक्षिणी गुजरात में मॉनसून को आकर्षित करने में मदद करेगा।
विदर्भ के ऊपर भी एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इस सिस्टम के प्रभाव से विदर्भ, दक्षिणी छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में कुछ स्थानों पर गरज के साथ बौछारें दर्ज की जा सकती हैं।
मध्य भारत पर बना सिस्टम गंगा के मैदानी भागों से होकर गुजर रही ट्रफ में मिल जाएगा। इसके चलते पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में भारी वर्षा जारी रहने का अनुमान है।
उत्तर भारत में पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में भी कल कुछ स्थानों पर गरज के साथ हल्की फुहारें पड़ सकती हैं। इन भागों में मॉनसून जून के अंत तक दस्तक दे सकता है। मॉनसून के आने से पहले तक इन राज्यों में गरज और धूलभरी हवाओं के साथ हल्की वर्षा की गतिविधियां देखने को मिलती रहेंगी। उत्तर के पर्वतीय राज्यों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।