देश भर में मॉनसून कमजोर है और बारिश का दायरा पश्चिमी तटों तथा पूर्वोत्तर राज्यों और मध्य भारत के कुछ इलाकों तक ही सीमित है।
अगले चार-पांच दिनों तक दक्षिण पश्चिम मॉनसून के आगे बढ़ने की संभावना भी नहीं है।
इस समय उत्तरी मध्य महाराष्ट्र से केरल तक एक ट्रफ रेखा बनी हुई है। इसके चलते मध्य महाराष्ट्र, दक्षिणी कोंकण-गोवा, तटीय कर्नाटक और केरल में मध्यम से भारी बौछारें जारी रह सकती हैं। मुंबई सहित महाराष्ट्र के उत्तरी तटों पर भी वर्षा का अनुमान है।
इसके अलावा कर्नाटक की भीतरी भागों में भी कुछ जगहों पर हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है। तेलंगाना में भी बारिश बढ़ जाएगी। कल कई जगहों पर वर्षा के आसार हैं।
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तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में एक-दो जगहों पर वर्षा हो सकती है।
पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों में कमजोर मॉनसून के बीच कहीं-कहीं बारिश होगी।
पूर्वी बिहार से बंगाल की खाड़ी तक एक ट्रफ़ बनी हुई है। इसके प्रभाव से पूर्वी बिहार, झारखंड और हिमालय से सटे पश्चिम बंगाल में हल्की से मध्यम बौछारें गिर सकती हैं।
कोलकाता सहित गंगीय पश्चिम बंगाल, ओड़ीशा, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में ज़्यादातर जगहों पर मौसम शुष्क होगा। हालांकि एक-दो स्थानों पर वर्षा हो सकती है।
पूर्वोत्तर राज्यों में कुछ स्थानों पर बौछारें गिरने की संभावना है।
मध्य भारत के भागों का मौसम देखें तो यहाँ दक्षिण-पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ तथा दक्षिणी छत्तीसगढ़ में कुछ स्थानों पर वर्षा होने का अनुमान है।
दक्षिणी राजस्थान और गुजरात के लोगों पर अभी भी जल देव की कृपा नहीं बरसेगी। इन भागों में मौसम शुष्क और गर्म बना रहेगा। बारिश के लिए अभी और प्रतीक्षा करनी होगी।
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उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों में मौसम ज्यादातर जगहों पर शुष्क रहेगा। हालांकि पाकिस्तान के मध्य भागों पर एक चक्रवाती क्षेत्र सक्रिय है जिसके प्रभाव से जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हल्की वर्षा हो सकती है।
मैदानी क्षेत्रों में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरी राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शुष्क उत्तर पश्चिमी हवाएं चलती रहेंगी और मौसम गर्म तथा शुष्क बना रहेगा।
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