केरल सहित पश्चिमी तटों पर लगातार मध्यम से भारी बौछारें दर्ज की जा रही हैं। ऐसा लग रहा है कि इन भागों में मॉनसून पहुँच चुका है। बीते 24 घंटों के दौरान केरल और उससे सटे कर्नाटक के तटीय भागों पर मूसलाधार वर्षा दर्ज की गई है। इन भागों में यह बारिश जारी रहेगी। कर्नाटक के आंतरिक हिस्सों और तमिलनाडु में भी कई जगहों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने के आसार हैं। हैदराबाद और चेन्नई में एक-दो स्थानों पर वर्षा होगी। लेकिन 4 या 5 जून को इन शहरों में वर्षा बढ़ सकती है। लक्षद्वीप और केरल के पास बना चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पश्चिमी तटों के साथ-साथ आगे बढ़ रहा है। इसी के चलते यहाँ बारिश में वृद्धि हो रही है।
मराठवाड़ा पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दिखाई दे रहा है। इस सिस्टम से एक ट्रफ रेखा उत्तरी छत्तीसगढ़ पर बने सिस्टम से मिल रही है। अनुमान है कि छत्तीसगढ़, मराठवाड़ा और तेलंगाना में कुछ स्थानों पर वर्षा दर्ज की जाएगी।
उत्तर भारत का रुख करें तो यहाँ उत्तर-पश्चिम राजस्थान से दक्षिणी उत्तर प्रदेश और झारखंड होते हुए गंगीय पश्चिम बंगाल तक एक ट्रफ रेखा बनी हुई है। इसके चलते पश्चिम बंगाल, पूर्वी बिहार और पूर्वोत्तर राज्यों में कुछ स्थानों पर अच्छी वर्षा हो सकती है। साथ ही असम के ऊपर बना चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र भी पूर्वोत्तर राज्यों के मौसम को प्रभावित कर रहा है।
इस समय देश के अधिकांश हिस्सों में बारिश जारी है जबकि उत्तर-पश्चिम भारत में लोगों को शुष्क और गर्म मौसम का सामना करना पड़ेगा। उत्तर के मैदानी भागों में पश्चिम या उत्तर पश्चिमी हवाओं का प्रवाह बढ़ रहा है। यह हवाएँ गर्म और शुष्क हैं जिसके चलते यहाँ पारा 40 डिग्री से भी ऊपर जाएगा। पर्वतीय राज्यों में भी तापमान सामान्य से अधिक दर्ज किया जाएगा। राजस्थान और विदर्भ में एक-दो स्थानों पर लू की वापसी हो सकती है।