देश में आमतौर पर दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून 1 जून से शुरू हो जाता है। केरल, त्रिपुरा व अंत में पूर्वोत्तर राज्यों में सबसे पहले मॉनसून वर्षा होती है। लेकिन इस बार, मॉनसून देश में कुछ देरी से प्रवेश करेगा।
दक्षिण भारत में, एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र तेलंगाना पर देखा जा सकता है। एक ट्रफ रेखा इस सिस्टम से तमिलनाडु तक जा रही है। एक अन्य चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र आंध्र प्रदेश तट के पास देखा जा सकता है। इसके चलते, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल और रायलसीमा में एक-दो जगह पर तेज़ बारिश व गरज-बौछारें संभव हैं। बेंगलुरु व कोयंबटूर जैसी जगहों पर अच्छी बारिश देखी जाएगी। वहीं, चेन्नई मैं मौसम गरम और उमस भरा बना रहेगा।
पूर्वोत्तर भारत की बात करें तो, यहाँ पर दक्षिण-दक्षिण पश्चिमी शुष्क हवाएँ बह रही हैं। एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र असम पर देखा जा सकता है। इसके अलावा एक पूर्व-पश्चिम ट्रफ रेखा पंजाब से अरुणाचल प्रदेश तक जा रही है। इसके चलते, असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिज़ोरम और त्रिपुरा में बारिश होने की संभावना है। कुछ जगह पर भारी वर्षा भी हो सकती है। इन राज्यों में कई जगह पर बाढ़ का खतरा भी मंडरा रहा है।
साथ ही उत्तरी बिहार, पूर्वी झारखंड, तटीय ओड़ीशा और गंगीय पश्चिम बंगाल में भी कुछ जगह बारिश का अनुमान है। इसके बावजूद, इन जगहों पर हीट वेव का प्रकोप जारी रहेगा।
उत्तर भारत की बात करें, तो एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ जम्मू-कश्मीर पर देखा जा सकता है। इसके चलते, पहाड़ी इलाकों पर कुछ जगह हल्की बारिश हो सकती है। अब जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में भी हीट वेव कहर ढा रही है। नीचे पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, गुजरात व उत्तर प्रदेश में गर्मी और प्रचंड रूप ले लेगी। राजस्थान में कई जगह धूल भरी हवाएँ बहने का अनुमान है।
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मध्य भारत में भी गरमी का कुछ यही हाल है, यहाँ विदर्भ, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में गंभीर हीट वेव जारी रहेगी।
दक्षिणी छत्तीसगढ़ और साथ लगे विदरभा में एक-दो जगह बारिश हो सकती है। वहीं, गुजरात और पश्चिमी मध्य प्रदेश में शुष्क और गरम मौसम जारी रहेगा।
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