फिलहाल, मॉनसून की उत्तरी सीमा, मंगलोर, मैसूर, सालेम, कड्डलोर, गोलपाड़ा, अलीपुरद्वार और गंगटोक से गुजर रही है।
चक्रवात वायु अब कमजोर होकर एक निम्न दबाव के क्षेत्र में बदल चुका है, और कच्छ क्षेत्र पर देखा जा सकता है। इसके चलते, गुजरात और साथ लगे दक्षिणी राजस्थान पर हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान है। कोंकण व गोवा में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। पश्चिमी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी कुछ जगह बारिश से इंकार नहीं किया जा सकता। वहीं, विदर्भ और मराठवाडा में मौसम शुष्क ही बना रहेगा।
पूर्वी भारत में, एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र गंगीय पश्चिम बंगाल और साथ लगे बांग्लादेश पर बना हुआ है। पूर्वूत्तर भारत में बंगाल की खाड़ी से नम हवाएँ बह रही हैं। इसके चलते, मणिपुर, मिज़ोरम और नागालैंड में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है।
बाकी पूर्वोत्तर भारत, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम और ओड़ीशा में हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान है। पूर्वी बिहार में पुर्णिया, सुपौल और किशनगंज में हल्की बारिश की संभावना है। हालांकि, गंगीय पश्चिम बंगाल और झारखंड में मौसम शुष्क ही बना रहेगा। बिहार के एक-दो हिस्सों में हीट वेव की स्थिति से इंकार नहीं किया जा सकता।
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उत्तर भारत में, पूर्वी जम्मू-कश्मीर पर बना पश्चिमी विक्षोभ अब आगे पूर्व की ओर बढ़ रहा है। साथ ही एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र हरियाणा और साथ लगे क्षेत्रों पर देखा जा सकता है। इसके चलते, उतरी राज्यों में हल्की से मध्यम बारिश की उम्मीद है। वहीं, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान में कुछ जगह धूल भरी आँधी और गरज-बौछारें देखी जा सकती हैं। इन मौसम गतिविधिओं के चलते मैदानी इलाकों में तापमान सामान्य से कम दर्ज किए जाने का अनुमान है।
अंत में दक्षिणी भारत की बात करें तो, एक ट्रफ रेखा गुजरात से तटीय कर्नाटक तक बनी हुई है। इसके चलते, केरल, तटीय आंध्र प्रदेश और तटीय कर्नाटक में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। रायलसीमा, तेलंगाना, तमिलनाडु और आंतरिक कर्नाटक में एक-दो जगह बारिश की संभावना है। वहीं, अंडमान व निकोबार में मध्यम से भारी बारिश आगे क्रम में है।
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