प्रायद्वीपीय भारत में मॉनसूनी हवाएँ कमजोर बनी हुई हैं। इसके चलते पश्चिमी तटों पर बारिश में व्यापक कमी आई है।
गुरुवार को भी मौसम इसी तरह बना रहेगा और केरल, कर्नाटक तथा कोंकण-गोवा क्षेत्र में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होगी। आंतरिक हिस्सों में एक-दो स्थानों पर हल्की वर्षा के आसार हैं।
पूर्वी और पूर्वोत्तर भागों में मॉनसून सक्रिय बना रहेगा।
इस बीच बंगाल की खाड़ी के मध्य-पश्चिम में भी एक मॉनसूनी सिस्टम विकसित हो रहा है। इसके प्रभाव से पूर्वी भारत के कुछ और भागों में मॉनसून जल्द दस्तक दे सकता है।
इसके प्रभाव से पश्चिम में भी मॉनसून जल्द ही सक्रिय हो सकता है। उम्मीद की जा रही है कि 17 जून से पश्चिमी तटों पर बारिश में बढ़ोत्तरी होगी।
बिहार और उससे सटे पश्चिम बंगाल के पास एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दिखाई दे रहा है। इससे एक ट्रफ बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम तक पहुँच रही है।
इन मौसमी परिदृश्यों के बीच पूर्वोत्तर राज्यों, उप-हिमालयी पश्चिम बंगा, सिक्किम और असम में मध्यम से भारी वर्षा जारी रहेगी।
गंगीय पश्चिम बंगाल, ओड़ीशा, झारखंड और बिहार में भी हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार हैं।
मध्य में छत्तीसगढ़ और पूर्वी मध्य प्रदेश में एक-दो स्थानों पर वर्षा हो सकती है।
उत्तराखंड और हरियाणा पर भी एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दिखाई दे रहा है। इससे एक ट्रफ गंगा के मैदानी भागों से पश्चिम बंगाल तक पहुँच रही है।
हमारा अनुमान है कि उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के तराई वाले भागों में कुछ स्थानों पर मध्यम वर्षा हो सकती है। इन भागों में कुछ स्थानों पर मूसलाधार वर्षा की भी आशंका है।
उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में एक-दो स्थानों पर बारिश की गतिविधियां और धूलभरी आँधी संभव है।
पश्चिमी मध्य प्रदेश, पश्चिमी राजस्थान और गुजरात में ऐसे इलाके होंगे जहां मौसम शुष्क रहने के आसार हैं।