दक्षिण पश्चिम मॉनसून का पश्चिमी सिरा कमजोर बना हुआ है। जबकि पूर्व में यह सक्रिय है और तेज़ी से कई भागों में पहुँच रहा है। पूर्वोत्तर राज्यों के साथ-साथ हिमलाय से सटे पश्चिम बंगाल में मॉनसून का आगमन हो चुका है। ओड़ीशा के कुछ भागों, गंगीय पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार में अगले कुछ ही दिनों में मॉनसून के पहुँचने के लिए मौसम अनुकूल दिखाई दे रहा है।
पश्चिमी तटों पर बनी ट्रफ के चलते तटीय कर्नाटक और कोंकण गोवा में मॉनसून सक्रिय रहेगा। हालांकि यहाँ इस समय के मौसमी हालत ये बता रहे हैं कि मॉनसून में कुछ सुस्ती देखी जा सकती है। पश्चिम में मॉनसून में सुस्ती के चलते ही आंतरिक कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में बारिश में कमी रहेगी।
उधर पूर्वी तटों पर बंगाल की खाड़ी में एक निम्न दबाव का क्षेत्र विकसित हो रहा है। इसके प्रभाव से 17 जून से मॉनसूनी बारिश फिर से बढ़ जाएगी। 19 जून को मॉनसून मुंबई सहित महाराष्ट्र में भी दस्तक दे सकता है।
उत्तर के मौसम का ज़िक्र करें तो यहाँ देख सकते है कि एक ट्रफ रेखा दो मौसमी सिस्टमों आपस में जोड़ रही है। इसके प्रभाव से पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरी राजस्थान और उत्तर प्रदेश में धूलभरी आँधी चलने और गरज के साथ कुछ स्थानों पर वर्षा होने के आसार हैं।
पश्चिम बंगाल तक मॉनसून का आगाज हो गया है जिससे बिहार के तराई वाले भागों, झारखंड, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम और पूर्वोत्तर राज्यों में अधिकांश स्थानों पर अच्छी वर्षा होने की संभावना है।
राजस्थान के शेष भागों, गुजरात और पश्चिमी मध्य प्रदेश में मौसम शुष्क और गर्म बना रहेगा। हालांकि देश के सभी भागों में लू से राहत रहेगी।