फिलहाल पूर्वोत्तर राज्यों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। साथ ही इस सिस्टम से एक ट्रक बंगाल की खाड़ी तक सक्रिय है।
इसके प्रभाव से नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, असम और मेघालय में मध्यम से भारी बौछारें गिरने की संभावना है।
उत्तर प्रदेश के तराई वाले क्षेत्रों, पूर्वी बिहार, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, ओड़ीशा, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में कुछ स्थानों पर वर्षा हो सकती है।
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दक्षिण भारत का ज़िक्र करें तो यहां कर्नाटक से केरल तक तटों पर एक ट्रफ रेखा बनी हुई है। इसके प्रभाव से कर्नाटक और केरल में हल्की से मध्यम वर्षा जारी रहने की संभावना है।
कोंकण-गोवा में भी हल्की वर्षा होने का अनुमान है।
जबकि आंतरिक कर्नाटक, आंतरिक तमिलनाडु और तटीय आंध्र प्रदेश में एक-दो स्थानों पर गरज के साथ वर्षा हो सकती है।
दूसरी ओर तेलंगाना, तमिलनाडु के शेष भागों तथा महाराष्ट्र में मौसम मुख्य रूप से शुष्क बना रह सकता है।
मध्य भारत में बेहद गर्म और शुष्क मौसम के बीच उत्तर-पश्चिमी हवाएं चल रही हैं। उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में 30 से 50 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से यह हवाएँ चलेंगी। ईरान, पाकिस्तान और राजस्थान से होकर आ रही हवा के साथ बड़े पैमाने पर धूल भी आ रही है।
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यही कारण है कि पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ तक वातावरण में धुंध और धूल बनी रहेगी। दृश्यता भी प्रभावित होगी। धूल के इस गुबार के चलते इन भागों में रात का तापमान सामान्य से ऊपर रहेगा।
दूसरी ओर जम्मू कश्मीर पर एक चक्रवाती सिस्टम बना हुआ है। इसके प्रभाव से जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 1-2 जगहों पर हल्की वर्षा होने की संभावना है।
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