केरल में 8 जून को दस्तक देने के बाद मॉनसून तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। यह केरल और तमिलनाडु के सभी भागों में पहुँच चुका है और आंध्र प्रदेश तथा कर्नाटक के भी कई इलाकों में मॉनसून का आगाज हो गया है। मॉनसून की उत्तरी सीमा सीमा इस समय पश्चिम में होनावर के पास है और पूर्व में अनंतपुर और ओंगोल के पास है। महाराष्ट्र और पूर्वोत्तर राज्यों में इसके जल्द पहुँचने के लिए मौसम अनुकूल है।
कर्नाटक के तटों के करीब अरब सागर में एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। दूसरी ओर बंगाल की खाड़ी में भी आंध्र प्रदेश और ओड़ीशा के तटों पर चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है।
दोनों तटीय भागों पर बने मौसमी सिस्टमों के चलते प्रायद्वीपीय भारत में मॉनसून सक्रिय बना हुआ है। केरल से कोंकण गोवा और मुंबई तक पश्चिमी तटों पर कई जगह हल्की से मध्यम बारिश होगी जबकि कहीं-कहीं भारी वर्षा की संभावना है। इसके अलावा आंतरिक कर्नाटक, रायलसीमा और मध्य महाराष्ट्र में भी वर्षा होगी।
पूर्वी तटों की बात करें तो यहाँ बना सिस्टम उत्तर में आगे बढ़ेगा जिससे ओड़ीशा और पश्चिम बंगाल के तटों पर हल्की से मध्यम वर्षा कई जगहों पर होगी जबकि कहीं-कहीं भारी बारिश के आसार हैं। आंध्र प्रदेश के तटों पर बारिश में कुछ कमी आएगी। पूर्वोत्तर राज्यों में मॉनसून के जल्द आगमन की संभावना के बीच बारिश में बढ़ोत्तरी होगी।
उत्तर में राजस्थान, पंजाब और आसपास के भागों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इससे एक ट्रफ पूर्वी भारत में बने इस चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र से मिल रही है। इन मौसमी सिस्टमों के प्रभाव से दिल्ली सहित गंगा के मैदानी भागों में शुक्रवार से रविवार तक बारिश का मौसम बना रहेगा और कई जगहों पर हल्की से मध्यम वर्षा दर्ज की जाएगी।
देश के अधिकांश हिस्सों में बारिश के बीच पश्चिमी मध्य प्रदेश और राजस्थान से लू का प्रकोप समाप्त होने के आसार हैं।