दक्षिण-पश्चिम मॉनसून पश्चिमी तट पर जोरदार रहा, जिसकी वजह से कोंकण गोवा व असम और अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में भारी वर्षा हुई। अगले 3 से 4 दिनों के दौरान मानसून मध्य भारत के अधिकांश हिस्सों और दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर पश्चिमी मैदानी इलाकों में आगे बढ़ेगा।
पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी जम्मू और कश्मीर पर है और इसके साथ ही चक्रवाती हवाओ का क्षेत्र मध्य पाकिस्तान और उत्तरी राजस्थान और पंजाब के पास बना हुआ है। एक ट्रफ रेखा भी उत्तर पश्चिमी मैदानी इलाकों से होकर पूर्व की तरफ जा रही है। इन सिस्टमों के चलते पहाड़ों पर हल्की से मध्यम बारिश जारी रहेगी। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा के आसपास के उत्तरी मैदानों पर वर्षा की गतिविधियां शुरू होगीं।
पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में एक कम दबाव वाला क्षेत्र उत्तरी छत्तीसगढ़ और झारखंड के निकट है। यह सिस्टम पूर्वी उत्तर प्रदेश और झारखंड में मध्यम बारिश देगा। ओडिशा में भारी वर्षा हो सकती हैं। वहीं बिहार और उप हिमालयी पश्चिम बंगाल में भी वर्षा के आसार हैं। जबकि पूर्वोत्तर भारत में अच्छी बारिश जारी रहेगी।
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मध्य भारत में विदर्भ के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है और कुछ हिस्सो में हल्की से मध्यम बारिश होने की उम्मीद है। मध्य प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों, गुजरात के दक्षिणी हिस्सों, छत्तीसगढ़ में भी भारी से मध्यम वर्षा हो सकती है।
दक्षिण भारत में एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र गुजरात पर बना हुआ है। इस्के साथ ही, ट्रफ रेखा पश्चिमी तट पर केरल तक बनी हुई है। इन सिस्टमों के चलते भारी से मध्यम वर्षा पश्चिमी तट पर हो सकती है। वहीं मुंबई में भी भारी बारिश होगी।
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तटीय आंध्र प्रदेश, और तेलंगाना में बारिश का प्रदर्शन अच्छा हो सकता है। हालांकी आंतरिक कर्नाटक, रायलसीमा और तमिलनाडु में हल्की बारिश होती रहेगी।
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