दक्षिण पश्चिम मॉनसून विदर्भ, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार में आगे बढ़ा है। पूर्वी मध्य प्रदेश में भी मॉनसून ने दस्तक दे दी है। मॉनसून की उत्तरी सीमा नागपुर, मांडला और पटना तक पहुँच गई है।
पश्चिमी तटों पर बनी ट्रफ फिर से कोंकण गोवा से केरल तक प्रभावी हो रही है जिससे उम्मीद है कि पश्चिमी तटों पर मॉनसून जल्द सक्रिय होगा और तटीय भागों में अच्छी वर्षा देखने को मिलेगी। केरल में भारी वर्षा हो सकती है। दक्षिणी तटीय महाराष्ट्र, गोवा और तटीय कर्नाटक में मध्यम से भारी बौछारें गिरने की संभावना है।
दक्षिणी गुजरात में कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा हो सकती है। हालांकि तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में मॉनसून सुस्त ही रहेगा और यहाँ हल्की बारिश दर्ज की जाएगी।
पूर्वी भारत के मौसम को देखें तो यहाँ उत्तर प्रदेश के पूर्वी भागों से पूर्वोत्तर राज्यों तक एक ट्रफ रेखा बनी हुई है। पूर्वी बिहार पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र भी बना हुआ है।
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इन मौसमी सिस्टमों के चलते उत्तर प्रदेश और बिहार के तराई क्षेत्रों, हिमालय से सटे पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में कुछ स्थानों पर अच्छी वर्षा होने के आसार हैं। एक-दो जगह भारी बारिश भी देखने को मिल सकती है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार के शेष भागों और पूर्वोत्तर भारत के बाकी हिस्सों, झारखंड और गंगीय पश्चिम बंगाल में हल्की बौछारें गिरने का अनुमान है। बंगाल की खाड़ी तक बनी ट्रफ के प्रभाव से ओड़ीशा और दक्षिणी छत्तीसगढ़ में मध्यम से भारी वर्षा हो सकती है। इस बीच मध्य भारत पर कोई विशेष मौसमी सिस्टम नहीं है जिसके चलते हल्की वर्षा ही देखने को मिलेगी।
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उत्तर भारत को प्रभावित रहे पश्चिमी विक्षोभ चक्रवाती सिस्टम अब कमजोर हो गए हैं। जिससे दिल्ली सहित मैदानी और पर्वतीय राज्यों में मौसम शुष्क हो जाएगा। हालांकि वातावरण में नमी अभी बनी हुई है जिससे एक-दो स्थानों पर बादलों की गरज के साथ वर्षा की संभावना से इंकार भी नहीं कर सकते।
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