दक्षिण-पश्चिम मॉनसून दक्षिण भारत के कुछ और क्षेत्रों में पहुंच गया है। साथ ही पूर्वोत्तर में मणिपुर और मिज़ोरम में भी मॉनसून का आगमन हो गया है। मॉनसून की उत्तरी सीमा इस समय सिराली, हसन, मैसूरु, कोडाईकनाल और तूतीकोरिन होते हुए गुजर रही है।
मॉनसून के आगे बढ़ने और असम तथा मेघालय के ऊपर चक्रवाती क्षेत्र विकसित होने से पूर्वोत्तर राज्यों में बारिश बढ़ जाएगी। उत्तरी राजस्थान पर बने चक्रवाती सिस्टम और इस सिस्टम से पश्चिम बंगाल तक बनी एक ट्रफ रेखा से पूर्वी भारत में भी मौसम में हलचल बढ़ेगी।
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बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में कुछ स्थानों पर गरज के साथ बारिश हो सकती है। कहीं-कहीं पर तेज हवा चलने और बिजली गिरने की भी आशंका है।
उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में भी 1-2 स्थानों पर धूल भरी आंधी और गर्जना के साथ वर्षा हो सकती है। हालांकि अधिकतर स्थानों पर मौसम काफी गर्म बना रहेगा। जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी शुष्क मौसम के आसार हैं।
इस बीच मध्य प्रदेश पर एक चक्रवाती सिस्टम बन गया है। इस सिस्टम से तमिलनाडु तक एक ट्रफ रेखा सक्रिय है। हमारा अनुमान है कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में कुछ स्थानों पर विशेषकर ट्रफ के आसपास के भागों में वर्षा होगी। दूसरी ओर राजस्थान और गुजरात में लगभग सभी स्थानों पर मौसम शुष्क और काफी गर्म बना रहेगा। राजस्थान और मध्य प्रदेश में एक-दो स्थानों पर लू का प्रकोप कल भी जारी रह सकता है।
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पश्चिमी तटों पर एक कोन्फ़्लुएन्स ज़ोन विकसित हो गया है जिससे पश्चिमी तटों विशेषकर कोंकण गोवा क्षेत्र में बारिश होने की संभावना है। मुंबई में भी वर्षा होने के आसार हैं। अरब सागर के दक्षिण पूर्व में एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना है।
इसके प्रभाव से केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश देखने को मिल सकती है। इसके अलावा तटीय आंध्र प्रदेश और ओड़ीशा पर भी एक कमजोर चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है जिससे इन राज्यों के तटीय क्षेत्रों में हल्की बारिश होने की संभावना है।
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