यहाँ पूर्वी उत्तर प्रदेश और इससे सटे बिहार पर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इस सिस्टम के प्रभाव से पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड के उत्तर पश्चिमी हिस्सों और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल में तेज हवाओं के साथ अधिकांश स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है।
दक्षिणी झारखंड, ओड़ीशा और गंगीय पश्चिम बंगाल में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश हो सकती है। असम पर बने चक्रवाती सिस्टम और यहाँ बनी ट्रफ के चलते असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में मध्यम से भारी वर्षा हो सकती है।
उत्तर भारत की बात करें तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र मॉनसून को सक्रिय करेगा। अनुमान है कि उत्तराखंड, उत्तर-पूर्वी राजस्थान और उत्तरी मध्य प्रदेश में मध्यम से भारी वर्षा जारी रहेगी।
साथ ही एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर के पास पहुंचा है, जो जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में एक-दो स्थानों पर हल्की बारिश दे सकता है।
इसके अलावा पाकिस्तान पर बने चक्रवाती के क्षेत्र के प्रभाव से हरियाणा और पंजाब में कुछ स्थानों पर बारिश हो सकती है। जबकि दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मौसम शुष्क रहेगा। गर्मी होगी, उमस भी अधिक होगी। हालांकि बादल छाए रहेंगे।
दक्षिण भारत के मौसम का जिक्र करें तो महाराष्ट्र से केरल तक अरब सागर में एक ट्रफ बनी हुई है। साथ ही एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिणी गुजरात पर बना है।
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इसके प्रभाव से कर्नाटक में मध्यम से भारी वर्षा होने की संभावना है। केरल में मध्यम बारिश हो सकती है। जबकि कर्नाटक के आंतरिक शहरों, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में एक-दो जगहों पर हल्की मॉनसूनी फुहारें गिर सकती हैं।
रायलसीमा और तमिलनाडु के अधिकांश भागों में मॉनसून मेहरबान नहीं होगा और मौसम शुष्क बना रहेगा।
मध्य भारत में कुछ इलाकों में मॉनसून सक्रिय रहेगा। कोंकण गोवा क्षेत्र में कई जगहों पर भारी वर्षा हो सकती है। जबकि महाराष्ट्र में बाकी इलाकों, मध्य प्रदेश के बाकी हिस्सों और छत्तीसगढ़ में कहीं-कहीं हल्की से मध्यम बारिश देखने को मिल सकती है।
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