मध्य और पूर्वी भारत में मॉनसून ज़ोरों पर। पश्चिमी तटों को छोड़कर प्रायद्वीपीय भारत में मॉनसून में सुस्ती बनी रहेगी।
दक्षिणी उत्तर प्रदेश और उससे सटे मध्य प्रदेश पर बना मौसमी गहरा निम्न दबाव का क्षेत्र और सशक्त होते हुए डिप्रेशन का रूप ले चुका है। यह सिस्टम अपनी जगह से धीरे-धीरे आगे या पीछे हो रहा है और संभावना है कि अगले 3 या उससे भी अधिक दिनों तक यह अपनी जगह पर ही बना रहेगा। इसके प्रभाव से मध्य प्रदेश, उससे सटे उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तरी मराठवाड़ा और विदर्भ में मूसलाधार वर्षा होगी। हालांकि गुजरात और राजस्थान में मौसम मुख्यतः शुष्क बना रहेगा।
पूर्वी भारत में बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में हल्की से मध्यम वर्षा दर्ज की जाएगी। उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में एक-दो स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।
उत्तर में पंजाब और उसके आसपास एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र काफी दिनों से बना हुआ है । इससे एक ट्रफ पश्चिम बंगाल तक पहुँच रही है। इन मौसमी सिस्टमों के प्रभाव से ही पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और इसके आसपास शहरों में बादल छाए रहने और छिटपुट जगहों पर हल्की वर्षा होने की संभावना है।
दक्षिण में पश्चिमी तटों पर उत्तरी तटीय कर्नाटक से उत्तरी केरल के तटों के पास बनी ट्रफ सक्रिय रहेगी। कोंकण-गोवा में अच्छी बारिश हो सकती है। प्रायद्वीपीय भारत के शेष हिस्सों में मॉनसून कमजोर ही रहेगा।